बड़े बंदरगाहों के लिए न्यायिक बोर्ड के गठन संबंधित अधिसूचित जारी की गयी
प्रमुख बंदरगाह प्राधिकरण अधिनियम, 2021 (Major Port Authorities Act, 2021) की धारा 54 में एक न्यायिक बोर्ड (Major Ports Adjudicatory Board) के गठन का प्रावधान किया गया है, जो उक्त अधिनियम की धारा 58 के तहत निर्धारित कार्यों को पूरा करेगा।
- यह कानून 03 जनवरी 2021 को लागू हुआ था।
- अब पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने उक्त अधिनियम के तहत बनाए गए प्रमुख बंदरगाह न्यायिक बोर्ड नियम, 2023 को 17 जनवरी 2023 को अधिसूचित किया है।
- इस न्यायिक बोर्ड में एक पीठासीन अधिकारी और दो सदस्य होंगे। पीठासीन अधिकारी भारत के सर्वोच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त न्यायाधीश या उच्च न्यायालय का सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश होगा और दो अन्य सदस्य या तो राज्य सरकार के सेवानिवृत्त मुख्य सचिव या समकक्ष; या फिर भारत सरकार के एक सेवानिवृत्त सचिव या समकक्ष होंगे।
- इस न्यायिक बोर्ड के पीठासीन अधिकारी और सदस्यों की नियुक्ति एक चयन समिति की सिफारिश पर की जाएगी जिसमें भारत के मुख्य न्यायाधीश या उनके द्वारा नामित व्यक्ति; कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के सचिव तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव शामिल होंगे।
- न्यायिक बोर्ड के गठन के बाद प्रमुख बंदरगाहों के लिए प्रशुल्क प्राधिकरण का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।