सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 80% विशेषज्ञ डॉक्टरों की है कमी: स्वास्थ्य मंत्रालय

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रकाशित ग्रामीण स्वास्थ्य सांख्यिकी रिपोर्ट के अनुसार, भारत विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी से जूझ रहा है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (Community Health Centres: CHCs) में लगभग 80% जरुरी स्पेशलिस्ट डॉक्टर की कमी है।

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) क्या हैं?

  • CHC, 30-बेड वाला ब्लॉक-स्तरीय स्वास्थ्य केंद्र हैं, जो आदर्श रूप से सर्जरी, स्त्री रोग, बाल चिकित्सा और सामान्य चिकित्सा से संबंधित बुनियादी देखभाल प्रदान की जाती हैं।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC) की स्थापना 80,000 आबादी (पहाड़ी और आदिवासी क्षेत्रों में) और 1,20,000 आबादी (मैदानी क्षेत्रों में) और/या समय पर देखभाल के दृष्टिकोण के लिए की जानी है।
  • शहरी क्षेत्रों में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (UCHC) 5 लाख और उससे अधिक की आबादी वाले मेट्रो शहरों में और गैर-मेट्रो शहरों में 2.5 लाख की आबादी वाले माध्यमिक देखभाल रेफरल केंद्र के रूप में स्थापित किया गया है।

रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष

  • रिपोर्ट बताती है कि CHC में जिन विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है, उनमें सर्जन (83.2%), प्रसूति और स्त्री रोग विशेषज्ञ (74.2%), चिकित्सक (79.1%) और बाल रोग विशेषज्ञ (81.6%) शामिल हैं।
  • पूरे भारत में 6,064 CHC हैं और इनमें से अधिकांश केंद्रों में विशेषज्ञ डॉक्टरों की आवश्यकता को पूरा करने में स्वास्थ्य मंत्रालय असफल रहा है।
  • यह इस तथ्य के बावजूद है कि, 2005 में, CHC में विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या 3,550 थी, जो 2022 में 25% बढ़कर 4,485 हो गई है। हालांकि, CHC की संख्या बढ़ने के साथ, इन केंद्रों के संचालन के लिए विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती भी जरुरी है।

प्रमुख सिफारिशें

  • रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रत्येक CHC की आवश्यकता के अनुसार आउटसोर्सिंग और सहायक सेवाएं प्रदान करने के लिए धन उपलब्ध कराया जाना चाहिए।
  • रिपोर्ट यह भी अनुशंसा करती है कि नर्सिंग कार्य में लगे व्यक्तियों को भी को सर्जरी के लिए आवश्यक सहायक प्रक्रियाओं में प्रशिक्षित किया जाना चाहिए।
  • विशेषज्ञ डॉक्टरों के अलावा, महिला स्वास्थ्य कर्मियों और सहायक नर्सिंग दाइयों की भी कमी है, जिनमें से 14.4% पद प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों में खाली पड़े हैं।

(Source: The Hindu)

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