वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2023
विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum) द्वारा जारी वार्षिक वैश्विक जोखिम रिपोर्ट 2023 (Global Risks Report 2023) में पाया गया है कि कॉस्ट ऑफ लिविंग की लागत और जलवायु परिवर्तन क्रमशः अल्पकालिक (2 वर्ष) और दीर्घकालिक (10 वर्ष) दो सबसे बड़े वैश्विक खतरें (ग्लोबल रिस्क) हैं।
- ग्लोबल रिस्क रिपोर्ट 2023 का 18वां संस्करण 2022-2023 ग्लोबल रिस्क परसेप्शन सर्वे (GRPS) पर आधारित है।
क्या कहती है रिपोर्ट?
- अगले दो साल की अवधि में जलवायु परिवर्तन के साथ-साथ, प्राकृतिक आपदाएं, भू-आर्थिक टकराव, सामाजिक सामंजस्य का क्षरण, व्यापक साइबर अपराध, बड़े पैमाने पर अनैच्छिक प्रवासन और प्राकृतिक संसाधन संकट सबसे अधिक वैश्विक जोखिमों में शामिल हैं।
- रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया को “इकोसिस्टम लॉस” और निरंतर ग्लोबल वार्मिंग से बचने के लिए अगले दशक में जलवायु शमन और अनुकूलन पर अधिक प्रभावी ढंग से सहयोग करना चाहिए।
- रिपोर्ट के अनुसार यूक्रेन में रूस के युद्ध और कोविड -19 महामारी की वजह से ऊर्जा संकट, खाद्य की कमी और मुद्रास्फीति सबसे अधिक दबाव वाले वैश्विक समस्याओं के रूप में उभरे हैं।
- भारत के लिए पांच सबसे बड़े खतरें (रिस्क) हैं: 1 डिजिटल असमानता, 2 संसाधनों की भू-राजनीतिक प्रतिस्पर्धा, 3 कॉस्ट ऑफ लिविंग संकट, 4 ऋण संकट और 5 प्राकृतिक आपदाएं और चरम मौसम की घटनाएं।