अप्रवासी-बाहरी (NRE) और अप्रवासी-साधारण (NRO) खातें में अंतर

अप्रवासी भारतीय (non-resident Indians: NRIs) भारत से बैंक लेनदेन के लिए अप्रवासी बाहरी (non-resident external: NRE) और अप्रवासी साधारण (non-resident ordinary : NRO) खातें खोल सकते हैं। दोनों खातों की अपनी-अपनी विशेषताएं हैं।

NRE और NRO में अंतर

NRE खाते का उपयोग बैंक खाते के रूप में विदेशी कमाई को भारतीय रुपये में भारत में ट्रांसफर करने के लिए किया जा सकता है।

  • NRO खाते का उपयोग अप्रवासी भारतीयों द्वारा भारतीय रुपये में भारत में अर्जित आय का प्रबंधन करने के लिए बचत खाते के रूप में किया जा सकता है।इसमें पेंशन, किराये की आय, लाभांश आय आदि शामिल हो सकते हैं।

अर्जित ब्याज सहित NRE खाते में सभी जमा पूरी तरह से प्रेषण योग्य (repatriable) हैं। अर्थात उस खाते से अपने निवास देश में ट्रांसफर कर सकते हैं।

  • NRO खातों में प्रेषण की सीमा है अर्थात सीमित मात्रा में नीवास देश में ट्रांसफर किया जा सकता है। यदि आप NRI हैं तो आप सभी लागू करों का भुगतान करने के बाद अपने NRO खाते से एक वित्तीय वर्ष में 1 मिलियन अमरीकी डालर तक प्रेषण कर सकते हैं।

NRE खाते में सभी जमा आयकर से मुक्त हैं। इसमें मूल राशि के साथ-साथ अर्जित ब्याज भी शामिल है।

  • NRO खाते पर अर्जित ब्याज पर TDS का भुगतान करना पड़ता है।

NRE में, कोई NRI विदेशी मुद्रा में जमा कर सकता है और भारतीय मुद्रा में निकासी कर सकता है।

  • NRO में, एक NRI विदेशी और साथ ही भारतीय मुद्रा में जमा कर सकता है और भारतीय मुद्रा में निकासी कर सकता है।
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