वन संरक्षण नियम, 2022: पर्यावरण मंत्री ने कानून निलंबन की मांग अस्वीकार किया
केंद्रीय पर्यावरण, वन और पर्यावरण मंत्रालय (MoEFCC) ने वन संरक्षण नियम, 2022 को (Forest Conservation Rules: FCR 2022) निलंबित करने के राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (NCST) के अनुरोध को यह कहते हुए अस्वीकार कर दिया कि ये कानून वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 को कमजोर नहीं करते हैं।
क्या है मामला?
बता दें कि सितंबर 2022 में पर्यावरण मंत्रालय को लिखे एक पत्र में, नए नियमों में प्रावधान के बारे में चिंता जताते हुए, जो गैर-वन उद्देश्यों के लिए वन भूमि के डायवर्सन के लिए स्थानीय लोगों की सहमति से सम्बंधित क्लॉज को दूर करने का प्रस्ताव करता है, NCST के पैनल ने सिफारिश की थी कि इन नियमों के कार्यान्वयन को रोक दिया जाना चाहिए।
इसके जवाब में केंद्रीय पर्यावरण मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने जोर देकर कहा है कि वन संरक्षण नियम, 2022, वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत बनाए गए हैं और इन नियमों से वन अधिकार अधिनियम, 2006 के उल्लंघन के बारे में NCST द्वारा व्यक्त की गयी आशंका “कानूनी रूप से वैध नहीं है”।
NCST पैनल ने बताया था कि वन संरक्षण नियम, 2022 ने स्टेज 1 क्लीयरेंस से पहले या स्टेज 2 क्लीयरेंस के बाद भी अनिवार्य रूप से ग्राम सभाओं की सहमति लेने के क्लॉज को खत्म कर दिया है। इस वजह से परियोजना प्रस्तावक, आंशिक मंजूरी प्राप्त करने के बाद, राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासन को “जल्द से जल्द डायवर्सन” के लिए दबाव डालेंगे, जो “वन अधिकार अधिनियम के तहत अधिकारों की मान्यता की प्रक्रिया को गंभीर रूप से प्रभावित करेगा”।
वन संरक्षण नियम, 2022
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने 28 जून 2022 को वन संरक्षण अधिनियम के तहत वन संरक्षण नियम, 2022 को अधिसूचित किया था। वन (संरक्षण) नियम, 2022 को केवल वन संरक्षण, अधिनियम, 1980 के प्रावधानों को लागू करने के लिए बनाया गया है।
वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और वन (संरक्षण) नियम, 2003 की जगह ये नियम जारी किए गए हैं।
इन नियमों के तहत राज्यों को वनवासियों के वन अधिकारों को व्यवस्थित करने और वन भूमि के डायवर्सन की अनुमति देने की जिम्मेदारी दी गई है।
वन संरक्षण नियम, 2022 में कहा गया है कि केंद्र सरकार से अंतिम अनुमोदन के बाद राज्य सरकार वन भूमि के डायवर्सन या पट्टे पर असाइनमेंट आदि के लिए आदेश पारित कर सकती है।
नियम में एक सलाहकार समिति (Advisory Committee), प्रत्येक एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालयों में एक क्षेत्रीय अधिकार प्राप्त समिति (regional empowered committee) और राज्य/केंद्र शासित प्रदेश (UT) सरकार-स्तर पर एक स्क्रीनिंग समिति के गठन का प्रस्ताव है।