खांसी के सिरप में ‘एथिलीन ग्लाइकॉल’ का मामला
हाल ही में, उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि एक भारतीय फर्म मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित, खांसी का सिरप (Cough Syrup) Doc-1 Max की अत्यधिक खुराक लेने से तीव्र श्वसन रोग वाले 18 बच्चों की मौत हो गई है।
उज़्बेकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि उक्त बच्चों ने खांसी सिरप की “अत्यधिक मात्रा” का सेवन किया, जिसमें एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) मौजूद था। एथिलीन ग्लाइकॉल एक ऐसा पदार्थ है जिसे खांसी की दवाई में मौजूद नहीं होना चाहिए।
बता दें कि कुछ माह पहले गाम्बिया में एक संसदीय पैनल ने हरियाणा स्थित मेडेन फार्मा द्वारा बनाए गए कफ सिरप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल के “अस्वीकार्य स्तर” पाए जाने से बच्चों की मौत होने की रिपोर्ट की थी।
इस तरह वर्ष 2022 में दूसरी ऐसी घटना है जिसमे किसी भारतीय कंपनी द्वारा निर्मित सिरप में एथिलीन ग्लाइकॉल की मौजूदगी से बच्चों की मौत का मामला सामने आया है।
उत्तर प्रदेश सरकार के मुताबिक मैरियन बायोटेक भारत में डॉक -1 मैक्स नहीं बेचती है और इसका निर्यात उज्बेकिस्तान को किया गया है।
एथिलीन ग्लाइकॉल (ethylene glycol) के बारे में
एथिलीन ग्लाइकॉल कमरे के तापमान पर एक स्पष्ट, रंगहीन, सिरप (चिपचिपा) तरल है। यह ज्यादातर ऑटोमोटिव एंटीफ्रीज के रूप में और पॉलिएस्टर फाइबर के निर्माण के लिए कच्चे माल के रूप में उपयोग किया जाता है।
US-CDC के अनुसार, यह हाइड्रोलिक ब्रेक फ्लुइड्स, स्टैंप पैड इंक, बॉलपॉइंट पेन, सॉल्वैंट्स, पेंट्स, कॉस्मेटिक्स और प्लास्टिक जैसे कई उत्पादों में भी पाया जाता है।
एथिलीन ग्लाइकॉल का स्वाद मीठा होता है और अक्सर गलती से या जानबूझ कर इसका सेवन कर लिया जाता है।
एथिलीन ग्लाइकॉल शरीर में जहरीले यौगिकों में टूट जाता है।
एथिलीन ग्लाइकॉल और इसके जहरीले उपोत्पाद पहले केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (CNS), फिर हृदय और अंत में किडनी को प्रभावित करते हैं। पर्याप्त सेवन करने से मृत्यु हो सकती है।
एथिलीन ग्लाइकोल गंधहीन होता है।
एथिलीन ग्लाइकॉल पानी और भोजन, दोनों को प्रदूषित कर सकता है।