महाराष्ट्र विधानसभा ने लोकायुक्त विधेयक 2022 पारित किया
महाराष्ट्र विधानसभा ने 28 दिसंबर को लोकायुक्त विधेयक 2022 (Lokayukta Bill 2022) पारित किया, जो मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद को भ्रष्टाचार-रोधी लोकपाल के दायरे में लाता है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस बिल को एक ऐतिहासिक कानून करार दिया। उनके मुताबिक महाराष्ट्र इस तरह का कानून बनाने वाला देश का पहला राज्य है।
लोकायुक्त विधेयक 2022 की मुख्य विशेषताएं
विधेयक के अनुसार, मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई भी जांच शुरू करने से पहले लोकायुक्त को विधानसभा की मंजूरी लेनी होगी और और सदन के सत्र में इस हेतु प्रस्ताव पेश करनी होगी।
विधेयक के प्रावधानों के अनुसार, इस तरह के प्रस्ताव के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के कुल सदस्यों के कम से कम दो-तिहाई सदस्यों के अनुमोदन की आवश्यकता होगी।
विधेयक में यह भी कहा गया है कि लोकायुक्त मुख्यमंत्री के खिलाफ भ्रष्टाचार के ऐसे आरोपों से जुड़े मामलों की जांच नहीं करेगा, जो आंतरिक सुरक्षा या सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित हैं।
यह भी प्रावधान है कि ऐसी किसी भी जांच को गोपनीय रखा जाएगा और यदि लोकायुक्त इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि शिकायत खारिज करने योग्य है, तो जांच के रिकॉर्ड को प्रकाशित नहीं किया जाएगा या किसी को उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।
प्रावधान के अनुसार, लोकायुक्त में एक अध्यक्ष होगा, जो उच्च न्यायालय का वर्तमान या पूर्व मुख्य न्यायाधीश होगा। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट या बॉम्बे हाई कोर्ट का कोई जज भी इसमें शामिल होगा। लोकायुक्त में अधिकतम चार सदस्य होंगे, जिनमें से दो न्यायपालिका से होंगे।
लोकायुक्त अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति के लिए चयन समिति में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, विधान सभा अध्यक्ष, विधान परिषद अध्यक्ष, विधान सभा और विधान परिषद में विपक्ष के नेता और बॉम्बे उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश या मुख्य न्यायाधीश द्वारा नामित एक न्यायाधीश शामिल होंगे।