MeitY को भारत में ऑनलाइन गेमिंग क्षेत्र के लिए नोडल एजेंसी नियुक्त किया गया
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) को ऑनलाइन गेमिंग ( online gaming) के लिए नोडल मंत्रालय नियुक्त किया गया है।
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय (MYAS) को कई खेल आयोजनों के हिस्से के रूप में ई-स्पोर्ट्स (e-sports) को विनियमित करने की जिम्मेदारी सौंपी गयी है।
ऑनलाइन गेमिंग क्या है?
ऑनलाइन गेमिंग में कैंडी क्रश, तीन पत्ती और फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे गेम शामिल हैं। सरकारी टास्क फोर्स ने ऑनलाइन गेमिंग के भीतर ऑनलाइन सट्टेबाजी या जुआ (online betting or gambling) जैसे गेम ऑफ़ चांस को शामिल नहीं किया है।
भारतीय मोबाइल गेमिंग उद्योग का राजस्व 2022 में 1.5 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है और 2025 में 5 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
गेमिंग में भारत के नए भुगतान करने वाले उपयोगकर्ताओं (new paying users : NPUs) का प्रतिशत लगातार दो वर्षों में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है, और यह 2020 में 40 प्रतिशत और 2021 में 50 प्रतिशत था।
सरकारी अधिसूचना के प्रमुख लाभ
ऑनलाइन स्किल गेमिंग के लिए एक कॉमन केंद्रीय विनियमन से उपभोक्ता कल्याण पर आधारित एक प्रोग्रेसिव रेगुलेटरी फ्रेमवर्क तैयार होगा।
इससे उद्योग को और विकसित करने और ऑनलाइन गेमिंग को डिजिटल इंडिया की आधारशिला बनाने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के रूप में MeitY की नियुक्ति निवेशकों, उद्योग और उपभोक्ताओं को स्पष्टता और निश्चितता प्रदान करेगी।
सरकार द्वारा की गई घोषणा से e-sports से संबंधित गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी क्योंकि देश ने हाल ही में e-sports के प्रथम एशियन गेम्स में पदक के लिए प्रतिस्पर्धा की थी।
गेमिंग बिरादरी के साथ-साथ युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय के सामूहिक प्रयासों का प्रतिफल मिला है क्योंकि e-sports भारत में एक कानूनी खेल है।
e-sports पहले ही ओलंपिक और एशियाई खेलों में पदक के खेल के रूप में माना जाता रहा है और सरकारी अधिसूचना देश में इस खेल को और बढ़ावा देगी क्योंकि यह लंबे समय से अपेक्षित था।
प्रमुख चिंताएं
ऑनलाइन गेमिंग उद्योग वस्तु और सेवा कर (GST) चोरी और क्रिप्टोकरेंसी जालसाजी की रिपोर्ट के साथ अपनी परेशानियों के कारण आलोचना का सामना करती रही है।
रियल-मनी गेमिंग और सेक्टर के भीतर जुए के डर के बारे में भी लंबे समय से बहस चल रही है। उद्योग के नियमन में भी कराधान दरों पर चिंताएँ हैं।
गेम ऑफ़ स्किल और गेम ऑफ़ चांस
भारत के सर्वोच्च न्यायालय और विभिन्न उच्च न्यायालयों ने माना है कि रमी, फैंटेसी स्पोर्ट्स, पोकर जैसे लोकप्रिय खेल कौशल के खेल (Game of Skill) के पात्र हैं क्योंकि इसके लिए व्यक्ति को खेल की बारीकियों को सीखने, अपनाने और सुधारने की आवश्यकता होती है।
भारत में अदालतों ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गेम ऑफ स्किल भारत के संविधान के अनुच्छेद 19(1)(G) के तहत संरक्षित एक कानूनी व्यावसायिक गतिविधि हैं।
वहीं संयोग के खेल (Game of Chance), जैसे जुआ और सट्टेबाजी को पहली बार में ही अलग किया जा सकता है। ये अनिश्चित परिणामों पर आधारित होती हैं क्योंकि इनमें हार-जीत किस्मत तय करती है।