बिग टेक कंपनियों के लिए ‘सिस्टमिकली इम्पोर्टेन्ट डिजिटल इंटरमीडियरी (SIDI)’ समूह की सिफारिश

वित्त पर संसद की स्थायी समिति ने ‘बिग टेक कंपनियों द्वारा प्रतिस्पर्धा-रोधी व्यवहार’ (Anti-Competitive Practices by Big Tech Companies) पर एक रिपोर्ट पेश की है, जिसे 22 दिसंबर को संसद में पेश किया गया।

एंटी-स्टीयरिंग

समिति ने डिजिटल मार्केट संस्थाओं को “एंटी-स्टीयरिंग”, “डीप डिस्काउंटिंग”, “सेल्फ प्रेफरेंसिंग”, “सर्च एंड रैंकिंग प्रेफरेंसिंग” और अन्य ऐसी प्रथाओं से दूर रहने के लिए कहा है जो बाजार में प्रतिस्पर्धा को प्रभावित करते हैं।

एंटी-स्टीयरिंग (Anti-steering) प्रावधान एक क्लॉज हैं, जिससे एक प्लेटफॉर्म जैसे कि प्ले स्टोर के कोई अन्य व्यावसायिक उपयोगकर्ताओं को अपने उपभोक्ताओं को इस प्लेटफार्म के लाभों के अलावा ऐसे किसी अन्य प्लेटफार्म के लाभों के बारे में बताने से रोकता है जो आकर्षक विकल्प हो सकता है।

एक निष्पक्ष, पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी डिजिटल इकोसिस्टम सुनिश्चित करने के लिए एक डिजिटल प्रतिस्पर्धा अधिनियम बनाने की सिफारिश की गयी है, जो न केवल देश और इसकी नवजात स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था के लिए बल्कि पूरे विश्व के लिए फायदेमंद होगा।

सिस्टमिकली इम्पोर्टेन्ट डिजिटल इंटरमीडियरी (SIDI)

पैनल ने बिग टेक संस्थाओं को उनके राजस्व, बाजार पूंजीकरण और सक्रिय व्यवसाय और अंतिम उपयोगकर्ताओं की संख्या के आधार पर एक अलग समूह ‘प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण डिजिटल मध्यस्थ’ (Systemically Important Digital Intermediaries: SIDIs) के रूप में में वर्गीकृत करने की सिफारिश की है।

ये ऐसी संस्थाएं होंगी जो डिजिटल इकोसिस्टम में प्रतिस्पर्धी आचरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकती हैं

इसके अलावा, ऐसी कंपनियां अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के सिस्टमिकली इम्पोर्टेन्ट डिजिटल इंटरमीडियरी का दर्जा मिलने के कुछ निश्चित महीनों के भीतर और उसके बाद वार्षिक रूप से भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी जिसमें विस्तृत और पारदर्शी तरीके से नियमों के पालन के लिए किये गए उपायों का वर्णन देंगी।

SIDI ऑपरेटर को अपनी वेबसाइट पर रिपोर्ट का एक अगोपनीय सारांश भी प्रकाशित करना चाहिए।

समिति ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) के भीतर एक विशेष डिजिटल बाजार संस्था स्थापित करने की भी सिफारिश की है जो SIDI की बारीकी से निगरानी करेगी और अन्य गतिविधियों के साथ-साथ SIDI का दर्जा देने पर केंद्र सरकार को सिफारिशें प्रदान करेगी।

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