केंद्र सरकार अरुणाचल प्रदेश में “फ्रंटियर हाईवे” का निर्माण करेगी

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मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, केंद्र सरकार अगले पांच वर्षों में अरुणाचल प्रदेश में भारत-तिब्बत-चीन-म्यांमार सीमा के करीब 1,748 किलोमीटर लंबा “फ्रंटियर हाईवे” (frontier highway) का निर्माण करेगी।

फ्रंटियर हाईवे: मुख्य तथ्य

यह हाईवे अंतरराष्ट्रीय सीमा से 20 किमी के करीब होगा।

दो लेन का राजमार्ग, NH-913, परिवहन मंत्रालय द्वारा बनाया जाएगा और सीमावर्ती क्षेत्रों में घुसपैठ को रोकने को टारगेट करेगा।

यह हाईवे बोमडिला से शुरू होगा और नफरा, हुरी और मोनिगोंग से होकर गुजरेगा। यह चीन सीमा के करीब जिदो और चेनक्वेंटी से होकर गुजरेगा और भारत-म्यांमार सीमा के पास विजयनगर में समाप्त होगा।

प्रस्तावित राजमार्ग सीमावर्ती क्षेत्रों में रक्षा बलों के साथ-साथ साजोसामान की आसान आवाजाही को बढ़ावा देगा।

चीन भी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के अपने हिस्से में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है।

2018 में, केंद्र सरकार ने अरुणाचल प्रदेश में कॉरिडोर को राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के रूप में अधिसूचित कर दिया था। एक बार किसी सड़क को राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के रूप में अधिसूचित करने के बाद, इसे बनाने की जिम्मेदारी केंद्रीय परिवहन मंत्रालय की होती है।

सीमा विकास के अन्य कार्यक्रम

भारत सरकार 0-10 किलोमीटर के भीतर स्थित बस्तियों में राज्य सरकारों/संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के माध्यम से सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम (BADP) लागू कर रही है।

वाइब्रेंट विलेजेज प्रोग्राम (VVP) की घोषणा वित्त मंत्री के बजट भाषण 2022 में की गई है। इस कार्यक्रम में उत्तरी सीमा पर विरल आबादी, सीमित कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे वाले सीमावर्ती गांवों के कवरेज की परिकल्पना की गई है, जो अक्सर विकास लाभ से वंचित हो जाते हैं।

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