सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट्स विकास योजना: केवल 10,027 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ ही चालू
केंद्रीय नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक सोलर पार्क और अल्ट्रा मेगा सोलर पावर प्रोजेक्ट्स के विकास की योजना (Scheme for Development of Solar Parks and Ultra Mega Solar Power Projects) के तहत नवंबर-2022 तक 39,285 मेगावाट की कुल क्षमता के कुल 57 सोलर पार्क स्वीकृत किए गए थे।
- हालाँकि, इन पार्कों में केवल 10,027 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाएँ ही चालू की जा सकी हैं। ये आंकड़े नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री आर.के. सिंह ने 13 दिसंबर को राज्यसभा में दी।
प्रमुख चुनौतियां क्या रही हैं?
- कुछ सौर पार्कों को उनकी “धीमी प्रगति” के कारण रद्द कर दिया गया ।
- प्रोजेक्ट के लिए ऐसी जमीन के अधिग्रहण में समस्या आ रही है जिसके स्वामित्व को लेकर कोई विवाद नहीं हो।
- किसी परियोजना स्थापित करने में लगने वाले समय और उत्पादित बिजली को ग्रिड तक पहुँचाने के लिए जरुरी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में तालमेल का अभाव देखा गया ;
- पर्यावरणीय चिंता भी बाधक बनी है। जैसे- ग्रेट इंडियन बस्टर्ड (GIB) के हैबिटेट से होकर ट्रांसमिशन लाइन गुजरने से कई बार इस पक्षी को खतरे में डाल दिया है और इस पक्षी की संख्या देश में महज 200 से कम है। सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया था कि बिजली कंपनियां राजस्थान में सौर पार्कों में भूमिगत केबल बिछाएं। इस वजह से भी समस्या आयी है।
- COVID-19 के कारण आर्थिक गतिविधियों में रुकावट भी एक बड़ी वजह है।
नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य
- भारत ने 2022 तक 175 GW नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित करने का लक्ष्य निर्धारित किया है जिनमें से 100 GW सौर ऊर्जा से प्राप्त होनी है।
- संसद में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2022 तक 61,000 मेगावाट ( 61 GW ) सौर ऊर्जा स्थापित की जा चुकी है।
सौर ऊर्जा –प्रमुख योजनाएं
- प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाअभियान (PM-KUSUM): ऊर्जा और जल सुरक्षा प्रदान करने, कृषि क्षेत्र को डीज़ल मुक्त करने और सौर ऊर्जा का उत्पादन कर किसानों की आय को बढ़ाने के लिए, सरकार ने पीएम-कुसुम योजना शुरू की है। इस योजना का उद्देश्य केन्द्र सरकार की 34,000 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के साथ देश की सौर क्षमता में 30.8 गीगावॉट अतिरिक्त सौर क्षमता को जोड़ना है।
- प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीमः उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल के निर्माण को समर्थन और बढ़ावा देने के लिए सरकार ने 28 अप्रैल 2021 को 4,500 करोड़ रुपये की लागत से प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव स्कीम “उच्च दक्षता वाले सोलर पीवी मॉड्यूल संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम” की शुरुआत की।
- सौर पार्क योजनाः व्यापक स्तर पर ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं को ध्यान में रखते हुए मार्च 2022 तक 40 गीगावॉट की लक्षित क्षमता के साथ “सौर पार्कों और अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकास” की एक योजना लागू की जा रही है। ये सोलर पार्क सभी वैधानिक मंज़ूरियों के साथ-साथ भूमि, बिजली, सड़क, पानी जैसी आवश्यक बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर सौर ऊर्जा निर्माताओं को प्लग एंड प्ले मॉडल की सुविधा प्रदान करता है।
- रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम फेज़-2: वर्ष 2021-22 तक 40 गीगावॉट की संस्थापित क्षमता के लक्ष्य के साथ रूफ टॉप सोलर सिस्टम के त्वरित परिनियोजन के लिए रूफ टॉप सोलर प्रोग्राम फेज-2 को भी लागू किया जा रहा है। यह योजना आवासीय सेक्टरों को 4 गीगावॉट तक की सोलर रूफ टॉप क्षमता विकसित करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (CPSU) योजनाः केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों द्वारा घरेलू स्तर पर निर्मित सेल्स और मॉड्यूल के साथ 12 गीगावॉट ग्रिड-कनेक्टेड सौर पीवी विद्युत परियोजनाओं को शुरू करने के लिए एक योजना लागू की जा रही है।
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