भारत की रियल इंटरेस्ट रेट पॉजिटिव हो गई है
आर्थिक विश्लेषकों के मुताबिक हेडलाइन खुदरा मुद्रास्फीति इस साल पहली बार 6% से नीचे आने के बाद भारत की रियल इंटरेस्ट रेट पॉजिटिव (real interest rate turns positive) हो गई है।
जहां ब्याज दर 6.25% है वहीं मुद्रास्फीति 5.88%, अर्थात मुद्रास्फीति, इंटरेस्ट रेट से कम हो गयी जिसकी वजह से वास्तविक (मुद्रास्फीति-समायोजित) रेपो दर पॉजिटिव हो गयी।
मुद्रास्फीति के दबावों को रोकने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने मई 2022 से रेपो दर में 225 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है, जो टर्मिनल दर को 6.25% तक ले गया है।
इस वर्ष के लिए मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक की रेपो दर से ऊपर रही, जिसका अर्थ था नेगेटिव इंटरेस्ट रेट। हालाँकि नवंबर, 2022 में मुद्रास्फीति दर 6% से नीचे आने के बाद (5.88%) पॉजिटिव रियल पालिसी यानी इंटरेस्ट रेट का दौर वापस आ गया है और नवंबर 2022 में ही ब्याज दरों में 35 बेसिस पॉइंट (आधार बिंदु) की बढ़ोतरी से यह 6.25% हो गया।
अर्थात मुद्रास्फीति, इंटरेस्ट रेट से कम हो गयी जिसकी वजह से वास्तविक (मुद्रास्फीति-समायोजित) रेपो दर और भी सकारात्मक हो गया।
वास्तविक ब्याज दर (real interest rate) वह ब्याज दर है जिसे मुद्रास्फीति के प्रभाव को दूर करने के लिए समायोजित किया जाता है। एक बार समायोजित हो जाने पर, यह कर्ज लेने वाले को धन की वास्तविक लागत और एक लेंडर या एक निवेशक को वास्तविक यील्ड को दर्शाता है।
रियल इंटरेस्ट रेट भविष्य की वस्तुओं पर मौजूदा वस्तुओं के लिए समय वरीयता की दर को दर्शाती है।