ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 राज्यसभा में पेश किया गया

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह ने 8 दिसंबर को राज्यसभा में ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक (Energy Conservation (Amendment) Bill) पेश किया। लोकसभा ने 9 अगस्त, 2022 को ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 पारित किया था।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत की गैर-जीवाश्म ईंधन क्षमता कुल ऊर्जा उत्पादन का 42% है। भारत को जीवाश्म से स्वच्छ ऊर्जा में ट्रांजीशन के लिए विधेयक लाया गया है।

पेट्रोलियम रिफाइनिंग के लिए, भारत प्राकृतिक गैस से तैयार हाइड्रोजन का उपयोग करता है। लक्ष्य प्राकृतिक गैस को बदलने का है। कार्बन उत्सर्जन रोकने के लिए भारत ग्रीन हाइड्रोजन गैस का इस्तेमाल करेगा।

इसी प्रकार भारत प्राकृतिक गैस से अमोनिया बनाता है, और अमोनिया व प्राकृतिक गैस, दोनों का आयात किया जाता है। भारत का इरादा उसकी जगह हरित हाइड्रोजन का उपयोग करना है, इसलिए इस विधेयक की आवश्यकता है।

ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2022 की प्रमुख विशेषताएं

  • नए संशोधन में कार्बन बाजार स्थापित करने का प्रावधान है।
  • यह विधेयक ऊर्जा और फीडस्टॉक के लिए ग्रीन हाइड्रोजन, ग्रीन अमोनिया, बायोमास और इथेनॉल सहित गैर-जीवाश्म स्रोतों के उपयोग को अनिवार्य करने का प्रयास करता है।
  • ऊर्जा संरक्षण विधेयक में अन्य संशोधनों में बड़े आवासीय भवनों को ऊर्जा संरक्षण व्यवस्था के दायरे में लाना, ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता के दायरे को बढ़ाना और ऊर्जा दक्षता ब्यूरो की शासी परिषद को मजबूत करना शामिल है।
  • यह ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता के दायरे को बढ़ाने और बड़े आवासीय भवनों को ऊर्जा संरक्षण व्यवस्था के दायरे में लाने का भी प्रस्ताव करता है।
  • एक अन्य महत्वपूर्ण संशोधन राज्य विद्युत नियामक आयोगों को अपने कार्यों के सुचारू निर्वहन के लिए नियम बनाने के लिए सशक्त बनाना है।
  • ऊर्जा की बढ़ती जरूरतों और बदलते वैश्विक जलवायु परिदृश्य के बीच, केंद्र ने नवीकरणीय ऊर्जा के प्रवेश के उच्च स्तर को प्राप्त करने के लिए नए क्षेत्रों की पहचान की है।
  • ऊर्जा संरक्षण (संशोधन) विधेयक का उद्देश्य 100 किलोवाट के न्यूनतम कनेक्टेड लोड वाले भवनों के लिए नवीकरणीय स्रोतों से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करना अनिवार्य बनाया गया है।
  • ऊर्जा दक्षता उपायों को अपनाने से, भारत 2030 तक लगभग 550 टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर कम करने की क्षमता रखता है।
  • ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी की गवर्निंग काउंसिल में सदस्यों को बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ, बिल ब्यूरो को सशक्त बनाने का भी प्रयास करता है।
  • विधेयक में आगे कहा गया है कि राज्य सरकारें राज्य के भीतर ऊर्जा के कुशल उपयोग और इसके संरक्षण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘राज्य ऊर्जा संरक्षण कोष’ नामक एक कोष का गठन करेंगी।
  • कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग के लिए नियामक ढांचे के तहत, केंद्र सरकार या इसके द्वारा अधिकृत कोई भी एजेंसी पंजीकृत इकाई को कार्बन क्रेडिट प्रमाणपत्र जारी कर सकती है जो कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग योजना की आवश्यकताओं का अनुपालन करेगा।

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