भारत असमानता रिपोर्ट 2022: डिजिटल डिवाइड

भारत में जाति, लैंगिक, भौगोलिक स्थिति और वर्ग के आधार पर असमानताएँ बहुत अधिक हैं। ऑक्सफैम इंडिया की एक नई रिपोर्ट के मुताबिक, वे अब डिजिटल स्पेस में भी तेजी से दिखाई दे ररही हैं।

“भारत असमानता रिपोर्ट 2022: डिजिटल डिवाइड” (India Inequality Report 2022: Digital Divide) शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 61 प्रतिशत पुरुषों के पास मोबाइल फोन थे, लेकिन उनकी पहुंच केवल 31 प्रतिशत महिलाओं तक ही सीमित थी।

रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल तकनीकों की पहुंच काफी हद तक पुरुष, शहरी, उच्च-जाति और उच्च वर्ग के व्यक्तियों तक सीमित है। वहीं सामान्य जाति के 8 प्रतिशत के पास कंप्यूटर या लैपटॉप है, अनुसूचित जातियों के 1 प्रतिशत से भी कम और केवल 2 प्रतिशत अनुसूचित जाति इसे वहन करते हैं।

रिपोर्ट ने रोजगार की स्थिति के आधार पर एक डिजिटल डिवाइड का खुलासा किया, जहां 2021 में 95 प्रतिशत वेतनभोगी स्थायी कर्मचारियों के पास फोन है, जबकि केवल 50 प्रतिशत बेरोजगारों (जो नौकरी के इच्छुक हैं और नौकरी की तलाश कर रहे हैं) के पास फोन है।

भारतीय महिलाओं के पास मोबाइल फोन होने की संभावना 15 प्रतिशत कम है और पुरुषों की तुलना में उनके मोबाइल इंटरनेट सेवाओं का उपयोग करने की संभावना 33 प्रतिशत कम है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्यों में, महाराष्ट्र में इंटरनेट की पहुंच सबसे अधिक है, इसके बाद गोवा और केरल का स्थान है, जबकि बिहार में सबसे कम, इसके बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड का स्थान है।

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