असम में 100 हिमालयी ग्रिफॉन की संदिग्ध जहर से मौत
असम में कम से कम 100 हिमालयी ग्रिफॉन गिद्धों (Himalayan griffons ) की संदिग्ध जहर से मृत्यु हो गई। राज्य के वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार इनका शव गुवाहाटी से लगभग 45 किलोमीटर पश्चिम में कामरूप जिले के छायागांव इलाके में एक धान के खेत में पाए गए।
- रिपोर्ट के मुताबिक बकरी के जहरीले शव को खाने से गिद्धों की मौत हो गई। कामरूप जिले के रानी शहर में स्थित गिद्ध प्रजनन केंद्र के अनुसार कार्बोफुरान (carbofuran) के कारण कीटनाशक विषाक्तता का यह मामला था।
- कई बार आवारा कुत्ते मवेशियों का पीछा कर उन्हें घायल कर देते हैं, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ता है। स्थानीय लोग कुत्तों को मारने के लिए मवेशियों के शवों पर कीटनाशक का छिड़काव करते हैं। मौजूदा मामले में भी बकरी के शॉ पर जहर का छिड़काव पाया गया था।
हिमालयन ग्रिफ़ॉन
- 1990 के दशक में बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी और अन्य संगठनों द्वारा किए गए एक अध्ययन में पाया गया कि सिर्फ दो दशकों में। भारत और नेपाल में जिप्स समूह के गिद्धों की संख्या में लगभग 40 मिलियन के गिरावट आयी जो 99.9% की गिरावट है।
- जिप्स समूह में हिमालयन ग्रिफ़ॉन, व्हाइट-बैक्ड और स्लेंडर-बिल गिद्ध (Himalayan griffon, white-backed and slender-billed ) शामिल हैं।
- हिमालयन ग्रिफॉन को IUCN की लाल सूची ‘खतरे के निकट’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- हिमालयन ग्रिफॉन को असम में एक प्रवासी पक्षी प्रजाति के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
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