‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ के लेखक डोमिनिक लैपिएरे का निधन
भारत पर ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ और ‘सिटी ऑफ जॉय’ जैसी बेस्टसेलिंग पुस्तकों के फ्रांसीसी लेखक डोमिनिक लैपिएरे (Dominique Lapierre) का निधन हो गया है।
30 जुलाई, 1931 को फ्रांस के चैटेलैलॉन में जन्मे, लैपिएरे ने अमेरिकी लेखक लैरी कोलिन्स के सहयोग से लिखी गई छह पुस्तकों की लगभग 50 मिलियन प्रतियां बेची हैं जिनमें सबसे प्रसिद्ध है “इज पेरिस बर्निंग?” 1965 में प्रकाशित इस नॉनफिक्शन बुक ने नाज़ी जर्मनी द्वारा फ्रांसीसी राजधानी का नियंत्रण छोड़ देने के बाद अगस्त 1944 तक की घटनाओं को चित्रित किया है।
दोनों लेखकों ने इज़राइल के निर्माण (ओ जेरूसलम, 1972) और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन पर आधारित ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ (1975) पुस्तकें लिखीं। फ्रीडम एट मिडनाइट भारत के विभाजन का एक जीवंत और मौलिक विवरण मानी जाती है।
उनका 1985 का उपन्यास ‘सिटी ऑफ़ जॉय’ – कोलकाता में एक रिक्शा चालक की कठिनाइयों को चित्रित करती है। इस पुस्तक पर आधारित एक फिल्म 1992 में रिलीज़ हुई, जिसमें पैट्रिक स्वेज़ ने अभिनय किया और रोलैंड जोफ द्वारा निर्देशित किया गया।
उन्होंने कोलकाता शहर के बाहरी इलाके उलुबेरिया में बेसहारा बच्चों के लिए बने ‘आशा भवन सेंटर’ को अपनी ‘रॉयल्टी’ दान देकर इस संस्थान की मदद कर रहे थे।
फ्रांसीसी लेखक डोमिनिक लैपिएरे को भारत सरकार ने साल 2008 में पद्म भूषण से सम्मानित किया था।
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