येलो रिबन अभियान के अवसर पर “विनिंग ओवर मदर्स विद हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस B (Womb) की शुरुआत
‘येलो रिबन’ अभियान (yellow ribbon’ campaign) के 25वें वर्ष के अवसर पर, इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बायिलरी साइंसेज (ILBS) और दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने 3 दिसंबर को एक विशेष कार्यक्रम “विनिंग ओवर मदर्स विथ हेपेटाइटिस हेपेटाइटिस B-Womb (Winning over mothers with Hepatitis B)” शुरू किया।
Womb अभियान का उद्देश्य मां से बच्चे में हेपेटाइटिस बी के संचरण के बारे में जागरूकता फैलाना है। इसका लक्ष्य अगले वर्ष में 100 से अधिक माताओं को Womb कार्यक्रम का एंबेसडर बनाना है, जो हेपेटाइटिस B से संक्रमित हैं। वे शिक्षित होंगी और बदले में अन्य माताओं को शिक्षित करेंगी कि स्वस्थ जीवन कैसे जिया जा सकता है।
येलो रिबन अभियान
1998 में शुरू किया गया ‘येलो रिबन’ अभियान, वायरल हेपेटाइटिस के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए है। इस वर्ष की थीम हेपेटाइटिस उन्मूलन: एक सामाजिक जिम्मेदारी थी।
हेपेटाइटिस B
हेपेटाइटिस B एक वायरल संक्रमण है जो यकृत (लीवर) पर हमला करता है और एक्यूट और क्रोनिक, दोनों बीमारियों का कारण बन सकता है।
आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में हेपेटाइटिस B के कुल संक्रमणों में से कम से कम 20-30% मामले मां से बच्चे में होने वाले संक्रमण हैं।
रिकॉर्ड यह भी बताते हैं कि कम से कम 90% मामलों में संक्रमित मां अपने बच्चे को संक्रमण स्थानांतरित करती है।
क्रॉनिक संक्रमण का विकास मां से या 5 वर्ष की आयु से पहले संक्रमित शिशुओं में आम है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक हेपेटाइटिस B के खिलाफ एक सुरक्षित और प्रभावी टीका उपलब्ध है जो 98% से 100% सुरक्षा प्रदान करती है।