सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए यूनेस्को एशिया -प्रशांत पुरस्कार 2022

मुंबई में 100 वर्ष पुराने छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय की जीर्णोद्धार ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए इस वर्ष (2022) यूनेस्को एशिया -प्रशांत पुरस्कारों में ‘उत्कृष्टता का पुरस्कार’ जीता है।

संग्रहालय मुंबई की विश्व विरासत संपत्ति के विक्टोरियन गोथिक और आर्ट डेको एन्सेम्बल का एक हिस्सा है। इसे 1922 में पश्चिमी भारत के प्रिंस ऑफ वेल्स संग्रहालय के रूप में स्थापित किया गया था।

सांस्कृतिक विरासत संरक्षण के लिए इस वर्ष (2022) यूनेस्को एशिया -प्रशांत पुरस्कारों की अलग-अलग श्रेणियों में कई अन्य भारतीय धरोहर परियोजनाओं ने भी पुरस्कार जीती हैं।

ये हैं: डोमकोंडा किला, तेलंगाना (18वीं शताब्दी में निर्मित), गोलकोंडा के स्टेपवेल्स (कुतुब शाही मकबरे के परिसर के अंदर 17वीं शताब्दी के स्टेपवेल्स) और भायखला स्टेशन (Byculla) मुंबई

भायखला स्टेशन को यूनेस्को मेरिट अवार्ड मिला है। भायखला स्टेशन 1853 में बनाया गया था। करीब डेढ़ सदी पहले देश की पहली ट्रेन भायखला स्टेशन से गुजरी थी।

राजा राजेश्वर राव प्रथम ने 1786 एडी में डोमकोंडा किले का निर्माण किया था।

संरक्षण उद्देश्यों से इन धरोहरों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। इसलिए इन्हें पुरस्कृत किया गया है।

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