एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस (AMR) पर तीसरा वैश्विक उच्च-स्तरीय सम्मेलन 2022
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने ओमान के मस्कट में आयोजित तीसरे एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध पर आयोजित सम्मेलन (Global High-Level Conference on Anti-Microbial Resistance) में भाग लिया।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि “रोगाणुरोधी प्रतिरोध (एंटी-माइक्रोबियल रेजिस्टेंस – AMR ) एक ऐसी अप्रकट और अदृश्य महामारी है जिसे अन्य प्रतिस्पर्धी सार्वजनिक स्वास्थ्य प्राथमिकताओं से कम नहीं किया जा सकता है। इस कार्यक्रम में चतुष्पक्षीय (क्वाडरीपार्टाइट) संगठनों द्वारा AMR पर मल्टी-स्टेकहोल्डर पार्टनरशिप प्लेटफॉर्म का शुभारंभ किया गया।
एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (Anti-Microbial Resistance – AMR)
एंटी-माइक्रोबियल (Anti-Microbial ) – एंटीबायोटिक्स, एंटीवायरल, एंटीफंगल और एंटीपैरासिटिक्स सहित – मनुष्यों, जानवरों और पौधों में संक्रमण को रोकने और उनका इलाज करने के लिए उपयोग की जाने वाली दवाएं हैं।
एंटी-माइक्रोबियल प्रतिरोध (Anti-Microbial Resistance – AMR) तब होता है जब बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और परजीवी समय के साथ बदलते रहते हैं और दवाओं का उन पर कोई असर नहीं होता जिससे संक्रमण का इलाज करना कठिन हो जाता है और बीमारी फैलने, गंभीर बीमारी और मृत्यु का खतरा बढ़ जाता है। दवा प्रतिरोध के परिणामस्वरूप, एंटीबायोटिक्स और अन्य रोगाणुरोधी दवाएं अप्रभावी हो जाती हैं और संक्रमण का इलाज करना मुश्किल या असंभव हो जाता है।
AMR एक वैश्विक स्वास्थ्य और विकास खतरा है। सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने के लिए तत्काल बहुक्षेत्रीय कार्रवाई की आवश्यकता है। WHO ने AMR को मानवता के समक्ष शीर्ष 10 वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरों में से एक माना है।
दवा प्रतिरोधी रोगजनकों के लिए एंटी-माइक्रोबियल दवाओं का दुरुपयोग और अधिक सेवन मुख्य करक हैं।
साफ पानी और स्वच्छता की कमी और अपर्याप्त संक्रमण रोकथाम और नियंत्रण माइक्रोब्स के प्रसार को बढ़ावा देता है, जिनमें से कुछ एंटी-माइक्रोबियल उपचार के लिए प्रतिरोधी हो सकते हैं।
अर्थव्यवस्था पर AMR का नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। मृत्यु और विकलांगता के अलावा, लंबे समय तक बीमारी के परिणामस्वरूप लंबे समय तक अस्पताल में रहना पड़ता है, प्रभावित लोगों के लिए अधिक महंगी दवाओं को खरीदना पड़ता है। इसे व्यक्ति और परिवार के साथ समग्र रूप से देश की अर्थव्यस्था प्रभवित होती है। ऐसा इसलिए भी कि कामकाजी आबादी का हिस्सा उत्पादक कार्यों में लगने के बजाय अस्पताल के बिस्तर पर रहने को मजबूर होता है और उसके साथ उसका परिवार भी उस चक्र का शिकार होता है।
क्या होता है दवा प्रतिरोधी टीबी (Drug-Resistant TB)?
दवा प्रतिरोधी TB तब विकसित होती है जब टीबी की लंबी, जटिल, दशकों पुरानी दवा को अनुचित तरीके से लिया जाता है, या जब लोग ऐसे अन्य लोगों से टीबी संक्रमित हो जाते हैं, जो दवा प्रतिरोधी TB का मरीज है। दवा प्रतिरोधी TB के निम्नलिखित प्रकार हैं:
मोनो-रेसिस्टेन्स (Mono-resistance) : केवल प्रथम-पंक्ति की एक एंटी-टीबी दवा के खिलाफ प्रतिरोध देखा जाता है।
पॉली-रेसिस्टेन्स (Poly-resistance): आइसोनियाज़िड और रिफैम्पिसिन को छोड़कर प्रथम-पंक्ति की एक से अधिक एंटी-टीबी दवा का प्रतिरोध देखा जाता है।
मल्टी-ड्रग रेसिस्टेन्स (MDR): कम से कम आइसोनियाजिड और रिफैम्पिसिन दोनों के खिलाफ प्रतिरोध देखा जाता है।
एक्सटेंसिव ड्रग रेसिस्टेन्स (XDR): किसी भी फ्लोरोक्विनोलोन के खिलाफ प्रतिरोध और मल्टीड्रग प्रतिरोध (MDR) के अलावा कम से कम तीन सेकेंड-लाइन इंजेक्शन योग्य दवाओं (कैप्रोमाइसिन, केनामाइसिन और एमिकासिन) में से एक के खिलाफ प्रतिरोध देखा जाता है।।
रिफैम्पिसिन रेसिस्टेन्स (RR): इसमें मोनो-प्रतिरोध, पॉली-प्रतिरोध, MDR या XDR के रूप में रिफैम्पिसिन का कोई भी प्रतिरोध शामिल है।