पूर्णिमा देवी बर्मन ने जीता वर्ष 2022 का चैम्पियंस ऑफ द अर्थ पुरस्कार
संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने 22 नवंबर को वर्ष 2022 के चैम्पियंस ऑफ़ अर्थ (Champions of the Earth) पुरस्कार के विजेताओं की घोषणा की।
इनमें एक संरक्षणवादी, एक उद्यम, एक अर्थशास्त्री, एक महिला अधिकार कार्यकर्ता, और एक वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं। इन सबको पारिस्थितिकी तंत्र में क्षरण को रोकने और इनकी रिकवरी के लिए उनकी परिवर्तनकारी कार्यों के लिए सम्मानित किया।
UNEP के 2022 चैंपियंस ऑफ द अर्थ हैं: आर्सेनसील (लेबनान), कॉन्स्टेंटिनो (टिनो द्वीप), औक्का चुटास (पेरू), सर पार्थ दासगुप्ता (यूनाइटेड किंगडम), डॉ पूर्णिमा देवी बर्मन (भारत) और सेसिल बिबियाने नदजेबेट (कैमरून)।
डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन/Purnima Devi Barman (भारत)
एंटरप्रेन्योरियल विजन श्रेणी में सम्मानित डॉ. पूर्णिमा देवी बर्मन/Purnima Devi Barman (भारत), एक वन्यजीव जीवविज्ञानी हैं, जो “हरगिला आर्मी” (Hargila Army) का नेतृत्व करती हैं, जो ग्रेटर एडजुटेंट स्टॉर्क (Greater Adjutant Stork) को विलुप्त होने से बचाने के लिए समर्पित एक सर्व-महिला जमीनी स्तर का संरक्षण आंदोलन है।
इस आंदोलन से जुड़ीं महिलाएं एडजुटेंट स्टॉर्क के रूपांकनों के साथ वस्त्र बनाती और बेचती हैं, जिससे वे अपनी वित्तीय आत्मनिर्भरता बनाये रखते हुए इस पक्षी प्रजाति के बारे में जागरूकता बढाती हैं।
बता दें की एडजुटेंट स्टॉर्क को असमिया में “हरगिला“ कहा जाता है (जिसका अर्थ है “हड्डी निगलने वाला”) ।
पूर्णिमा देवी बर्मन इस पक्षी के संरक्षण में मदद के लिए गाँव की महिलाओं के एक समूह को जुटाया। आज “हरगिला आर्मी” में 10,000 से अधिक महिलाएँ हैं। बर्मन ने महिलाओं को बुनाई करघे और सूत प्रदान करने में भी मदद की है ताकि वे हरगिला के रूपांकनों से सजाए गए वस्त्र बना सकें और बेच सकें।
चैंपियंस ऑफ द अर्थ
चैंपियंस ऑफ द अर्थ संयुक्त राष्ट्र का सर्वोच्च पर्यावरण सम्मान है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों और समूहों को सम्मानित करता है जिनके कार्यों का पर्यावरण पर परिवर्तनकारी प्रभाव पड़ता है।
पर्यावरण के मोर्चे पर हासिल की जा रही सफलताओं को मान्यता देकर, यह पुरस्कार अधिक सतत भविष्य के लिए आशा और एक्शन को प्रेरित करता है।
चैंपियंस ऑफ़ द अर्थ पर्यावरणीय पथप्रदर्शक हैं और पुष्टि करते हैं कि मानवता में हमारे पर्यावरण की रक्षा और रिकवरी करने की पटुता और महत्वाकांक्षा है।