बाल कल्याण समिति के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल’ तथा GHAR पोर्टल का शुभारंभ
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) ने विश्व बाल दिवस (20 नवंबर) के अवसर पर ‘बाल कल्याण समिति (CWC) के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल’ तथा ‘बच्चों के पुनर्वास और घर की वापसी के लिए प्रोटोकॉल के साथ घर/GHAR- गो होम एंड री-यूनाइट (बच्चों के पुनर्वास और गृह-वापसी के लिए) पोर्टल का शुभारंभ किया।
प्रशिक्षण मॉड्यूल
- बाल कल्याण समितियों के अध्यक्षों और सदस्यों के लिए प्रशिक्षण मॉड्यूल (Training Modules for Chairpersons and Members of Child Welfare Committee) को CWC की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को व्यापक रूप में एक स्थान पर लाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है।
- असुरक्षित बच्चों के लिए जिला स्तर की संरक्षक होने के कारण बाल कल्याण समितियों पर उनकी देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने का पूरा उत्तरदायित्व है।
- कार्यक्रम को CWC के सदस्यों और अध्यक्ष को ज्ञान और कौशल से लैस होने और समय पर और बच्चे के सर्वोत्तम हित में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए एक सक्षम प्राधिकारी के रूप में कार्य करने में मदद करने के लिए लॉन्च किया गया है।
बच्चों के पुनर्वास और घर की वापसी के लिए प्रोटोकॉल
- अधिकारियों के बीच समन्वय में कमी और प्रणाली के भीतर अधिकारियों के बीच सूचनाओं के आदान-प्रदान की कमी बच्चों को अपने मूल स्थान पर वापस भेजने की मुख्य चुनौती पाई गई। उद्धार और घर वापस भेजे जाने के लिए मानक प्रक्रिया उन चुनौतियों को समाप्त करने का एक प्रयास है जो बच्चों के घर वापस भेजे जाने में अधिकारियों के सामने आ रही हैं जिससे अधिक से अधिक संख्या में बच्चों को उनके परिवारों / रिश्तेदारों के साथ उनके मूल स्थान पर वापस भेजा जा सकता है।
- बच्चे को दूसरे जिले/राज्य में स्थानांतरित करने से पहले, CWC यह सुनिश्चित करेगी कि बच्चे के सभी आवश्यक दस्तावेज पूरे कर लिए गए हैं।
GHAR- गो होम एंड री-यूनाइट पोर्टल
- उन बच्चों की डिजिटल ट्रैकिंग और निगरानी करेगी जो जुवेनाइल जस्टिस सिस्टम में हैं और जिन्हें दूसरे देश/राज्य/जिले में वापस भेजा जाना है।
- राज्य के संबंधित जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड/CWC को बच्चों के मामलों का डिजिटल हस्तांतरण करेगा। यह बच्चों के शीघ्र घर वापसी में मदद करेगा।
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR)
- राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (National Commission for Protection of Child Rights: NCPCR) देश में बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और अन्य संबंधित मामलों के लिए बाल अधिकार संरक्षण आयोग (CPCR) अधिनियम, 2005 की धारा 3 के तहत गठित एक वैधानिक निकाय है।
- आयोग को किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, 2015 और इसके नियम; यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम, 2012 और निःशुल्क व अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (RTE) अधिनियम, 2009 के उचित और प्रभावी कार्यान्वयन की निगरानी का कार्य सौंपा गया है।