USFDA ने कहा है कि प्रयोगशाला में कोशिकाओं से तैयार मांस मानव उपभोग के लिए सुरक्षित है

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यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (USFDA) ने पहली बार सेल कल्चर तकनीक (cell culture technology) का उपयोग करके कोशिकाओं से विकसित किये जाने वाले मांस (Cultured meat) को मंजूरी दे दी है। नियामक ने 16 नवंबर को कहा कि कैलिफोर्निया के स्टार्टअप अपसाइड फूड्स द्वारा तैयार चिकन उत्पाद खाने के लिए सुरक्षित है।

USFDA की मंजूरी का मतलब है कि अपसाइड फूड्स जल्द ही जीवित जानवरों को मारने के बजाय बायोरिएक्टरों में विकसित वास्तविक पशु कोशिकाओं से बने चिकन को बेच सकेंगे। हालांकि अमेरिकी कृषि विभाग अभी इस प्लांट की जाँच करेगी और उससे मंजूरी के बाद है रेस्त्रां में ये मांस खाने को मिल सकता है।

वैसे एफडीए की मजूरी लंबे समय से कल्चर्ड मांस उद्योग के लिए बड़ी सफलता जरूर है।

बता दें कि कल्चर्ड मांस को मंजूरी देने वाला अमेरिका पहला देश नहीं है। दिसंबर 2020 में, सिंगापुर फूड एजेंसी (SFA) दुनिया में पहला नियामक प्राधिकरण था जिसने एक कल्चर्ड मांस उत्पाद – ईट जस्ट की बिक्री को मंजूरी देने के बाद इसे खपत के लिए सुरक्षित माना था

संवर्धित मांस (Cultivated meat) क्या है?

कल्टिवेटेड मांस (Cultivated or Cultured meat) को अक्सर एक टब में उगाया जाता है, जो एक जीवित जानवर या एक तुरंत मारे गए जानवर के अंडाशय से निकाले गए स्टेम सेल की नकल करता है।

यह उत्पादन विधि भोजन के लिए पशुपालन की आवश्यकता को समाप्त करती है। संवर्धित मांस उसी कोशिका प्रकार से बना होता है जो जानवरों के ऊतकों की समान संरचना में व्यवस्थित होता है, इस प्रकार पारंपरिक मांस के संवेदी और पोषण संबंधी विशेषताओं की नकल करता है।

निर्माता आमतौर पर एक जानवर के ऊतक से कोशिकाओं के नमूने प्राप्त करने के साथ प्रक्रिया शुरू करते हैं। यह एक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जानवर को नुकसान पहुँचाने या मारने की आवश्यकता नहीं होती है

जैसा कि एक जानवर के शरीर के अंदर होता है, कोशिकाओं को अमीनो एसिड, ग्लूकोज, विटामिन और अकार्बनिक लवण जैसे बुनियादी पोषक तत्वों से बने ऑक्सीजन युक्त सेल कल्चर माध्यम से पोषण प्रदान किया जाता है।

निर्माता आमतौर पर एक जानवर के ऊतक से कोशिकाओं के नमूने प्राप्त करने के साथ प्रक्रिया शुरू करते हैं। यह एक एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें जानवर को नुकसान पहुँचाने या मारने की आवश्यकता नहीं होती है

पारंपरिक पशुधन क्षेत्र की तुलना में प्रयोगशाला में उगाए गए मांस को अधिक सतत विकल्प के रूप में देखा जाता है, क्योंकि आज जो मांस उपभोग किया जाता है उसका वैश्विक ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में बहुत अधिक योगदान है।

वैसे कल्चर्ड मीट पौधे से विकसित मांस (प्लांट बेस्ड मीट)- से भिन्न होता है क्योंकि सेल कल्चर्ड मीट में वास्तविक पशु की कोशिकाएं इस्तेमाल की जाती हैं और सैद्धांतिक रूप से वास्तविक मांस से अलग नहीं होते हैं।

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