क्या है eDNA (पर्यावरणीय डीएनए)?
आक्रामक विदेशी प्रजातियां (Invasive alien species) जैव विविधता के लिए एक गंभीर खतरा हैं, जिससे देशी प्रजातियां स्थानीय तौर पर विलुप्त हो रही हैं।
- इससे पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं, मानव आजीविका, अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर प्रभाव पड़ रहा है। उत्तर अफ्रीकी शार्पटूथ कैटफ़िश (North African Sharptooth catfish) एक ऐसी प्रजाति है जिसे भारत में जलीय कृषि उद्देश्यों के लिए अवैध रूप से लाया गया था। लेकिन अब इस प्रजाति ने अधिकांश मीठे पानी के पारिस्थितिक तंत्र पर हमला कर दिया है।
- सेंटर फॉर सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी (CSIR-CCMB) के वैज्ञानिकों ने अब पर्यावरणीय डीएनए (Environmental DNA : eDNA) आधारित आणविक विधियों का विकास किया है जो इनवेसिव स्पीशीज से निपटने का समय और लागत प्रभावी विकल्प प्रदान करते हैं।
क्या है eDNA (पर्यावरणीय डीएनए)?
- eDNA न्यूक्लिअर या माइटोकॉन्ड्रियल DNA है जो किसी जीव द्वारा पर्यावरण में छोड़ा जाता है। eDNA के स्रोतों में मल (secreted feces), श्लेष्मा (mucous) और युग्मक (gametes-किसी जानवर या पौधे की प्रजनन कोशिका); त्वचा और बाल और शव शामिल हैं।
- eDNA को सेलुलर या बाह्यकोशिकीय (डिसॉल्वड डीएनए) रूप में पाया जा सकता है।
- जलीय पारितंत्र में eDNA को धाराओं और अन्य हाइड्रोलॉजिकल प्रक्रियाओं द्वारा पतला और वितरित किया जाता है, लेकिन यह पर्यावरणीय परिस्थितियों के आधार पर लगभग 7-21 दिनों तक विद्यमान रहता है।
- अल्ट्रावॉयलेट विकिरण, अम्लता, गर्मी और एंडो- और एक्सोन्यूक्लाइजेस का एक्सपोजर eDNA को कम कर सकता है।
eDNA का उपयोग
- eDNA का उपयोग नेटिव (स्थानिक) प्रजातियों के वितरण और सापेक्ष बहुतायत के बारे में डेटा के तीव्र, लागत प्रभावी और मानकीकृत संग्रह की अनुमति दे सकते हैं।
- जलीय आक्रामक प्रजातियों (aquatic invasive species) का शीघ्र पता लगाने के लिए eDNA भी एक प्रभावी उपकरण हो सकता है।
- आक्रामक प्रजातियों की निगरानी के लिए eDNA विधियों के एप्लीकेशन्स में समय-समय पर पानी के नमूने एकत्र करना और एक बार में कई आक्रामक प्रजातियों के लिए उनकी जांच करना शामिल हो सकता है।