आर्टेमिस 1 चंद्र मिशन के तहत ओरियोन का प्रक्षेपण
नासा के आर्टेमिस 1 चंद्र मिशन (Artemis 1 lunar mission) ने 16 नवंबर 2022 को फ्लोरिडा (यूएस) के केप कैनावेरल स्थित केनेडी स्पेस सेंटर से सफलतापूर्वक उड़ान भरी।
आर्टेमिस 1 मिशन के उद्देश्य
इस मिशन के तहत दुनिया में सबसे शक्तिशाली रॉकेट कहे जाने वाली स्पेस लॉन्च सिस्टम (SLS) से नासा का मानवरहित अंतरिक्ष यान ओरियोन (Orion) प्रक्षेपित किया गया।
यह चंद्रमा के लिए उड़ान भरा है। यह प्रक्षेपण आर्टेमिस मिशन का पहला चरण है जिसमें ओरियोन चंद्रमा के लिए लगभग 40,000 मील की यात्रा करेगा और 25.5 दिनों के बाद पृथ्वी पर वापस लौट जायेगा।
आर्टेमिस-1 मिशन नासा के चंद्रमा और मंगल ग्रह पर भविष्य में मानव के उतारने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
आर्टेमिस-2 मिशन के तहत मानव युक्त मिशन भेजा जाना है। इसलिए आर्टेमिस-1 नासा का महत्वपूर्ण परीक्षण है जिसमें कई प्रणालियों की परीक्षा की जाएगी।
हालांकि आर्टेमिस-1 के तहत किसी मानव को यान से नहीं भेजा गया है लेकिन ओरियोन के सेंसर के साथ फिट किए गए तीन पुतले भेजे गए हैं जिससे उन विकिरण का पता लगाया जा सकेगा जो भविष्य में अंतरिक्ष यात्री अनुभव करेंगे।
आर्टेमिस 1 का एक अन्य उद्देश्य वापस पृथ्वी के वायुमंडल में 39,400 किमी प्रति घंटे की गति से प्रवेश के क्रम में ओरियोन के हीट शील्ड के स्थायित्व का परीक्षण करना है। यह गति अंतरिक्ष स्टेशन से वापस आने की तुलना में काफी अधिक है।
इस प्रक्षेपण के साथ ही नासा के आर्टेमिस चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम की शुरुआत हो चुकी है।
आर्टेमिस का नाम यूनानी देवी अपोलो की पौराणिक जुड़वां बहन के नाम पर रखा गया है।
आर्टेमिशन के माध्यम से, नासा चंद्रमा की सतह पर पहली महिला और पहला अश्वेत व्यक्ति उतारेगा, जो लंबी अवधि में चंद्रमा पर मानव की उपस्थिति और मंगल ग्रह पर मानव भेजने का का मार्ग प्रशस्त करेगा।