राष्ट्रपति ने राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार- 2021 प्रदान किए

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राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु ने 7 नवंबर, 2022 को राष्ट्रपति भवन में नर्सिंग पेशेवरों को वर्ष 2021 के लिए राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार (National Florence Nightingale Awards) प्रदान किए।

इस वर्ष, राज्यों के 51 स्वास्थ्य पेशेवरों को उनके योगदान के लिए पुरस्कार दिए गए हैं।

राष्ट्रीय फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कारों की स्थापना वर्ष 1973 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा समाज में नर्सों और नर्सिंग पेशेवरों द्वारा प्रदान की गई सराहनीय सेवाओं को मान्यता देने के रूप में की गई थी।

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एक वैधानिक निकाय, भारतीय नर्सिंग परिषद, स्वास्थ्य कर्मियों के योगदान को मान्यता देने के लिए फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार प्रदान करती है।

फ्लोरेंस नाइटिंगेल

फ्लोरेंस नाइटिंगेल, लेडी विद द लैंप, (जन्म 12 मई, 1820, फ्लोरेंस [इटली] – निधन-13 अगस्त, 1910, लंदन, इंग्लैंड), एक ब्रिटिश नर्स और आधुनिक नर्सिंग की संस्थापक दार्शनिक थीं।

क्रीमिया युद्ध के दौरान तुर्की में नाइटिंगेल को ब्रिटिश और अलाइड सैनिकों की देखभाल का प्रभारी बनाया गया था। उन्होंने वार्डों में कई घंटे बिताए, और रातों में घायलों की व्यक्तिगत देखभाल की जिसकी वजह से उन्हें “लेडी विद द लैंप” कहा गया।

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