परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI) 2020-21
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग, ने 2020-21 के लिए राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों का परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (Performance Grading Index: PGI) जारी किया, जो राज्य / केंद्रशासित प्रदेशों में स्कूली शिक्षा प्रणाली के साक्ष्य आधारित व्यापक विश्लेषण का एक विशिष्ट सूचकांक है।
परफॉरमेंस ग्रेडिंग इंडेक्स (PGI)
PGI का मुख्य उद्देश्य साक्ष्य-आधारित नीति निर्माण को बढ़ावा देना और सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए पाठ्यक्रम सुधार को रेखांकित करना है।
अब तक, स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए PGI रिपोर्ट जारी की है।
वर्तमान रिपोर्ट वर्ष 2020-21 के लिए है।
PGI संरचना के लिए 70 संकेतकों में 1000 अंक शामिल किये गये हैं, जिन्हें 2 श्रेणियों में बांटा गया है, आउटकम और गवर्नेंस मैनजमेंट (GM)। इन श्रेणियों को आगे 5 उप-श्रेणियों में विभाजित किया गया है; लर्निंग आउटकम (LO), एक्सेस (A), अवसंरचना और सुविधाएं (IF), इक्विटी (E) और शासन प्रक्रिया (GP)।
PGI 2020-21 ने राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को दस श्रेणियों में वर्गीकृत किया है, उच्चतम श्रेणी लेवल 1 है, जो कुल 1000 अंकों में से 950 से अधिक अंक प्राप्त करने वाले राज्य/केंद्र शासित प्रदेश के लिए है।
निम्नतम श्रेणी लेवल 10 है, जो 551 से कम अंक के लिए है।
PGI का अंतिम उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को बहु-आयामी उपाय करने के लिए बढ़ावा देना है, जो सभी आयामों को शामिल करते हुए वांछित इष्टतम शिक्षा परिणाम प्राप्त करने में सहायता करेगा।
कुल 7 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों – केरल, पंजाब, चंडीगढ़, महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश ने 2020-21 में लेवल II (स्कोर 901-950) हासिल किया है, जबकि 2017-18 में इस लेवल में कोई भी राज्य/केंद्र शासित प्रदेश शामिल नहीं था।
2019-20 में इस स्तर में 4 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश थे। गुजरात, राजस्थान और आंध्र प्रदेश अब तक किसी भी राज्य द्वारा प्राप्त उच्चतम स्तर को हासिल करने वाले नए राज्य हैं।
केरल ने अधिकतम स्कोर (928) और अरुणाचल प्रदेश ने न्यूनतम (669) स्कोर प्राप्त किया।