जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (JETP)
G7 देशों ने भारत को जस्ट एनर्जी ट्रांजिशन पार्टनरशिप (JETP) में शामिल होने के लिए कहा है जो भारत में स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की तेजी से अपनाने में मदद करेगा और संभवतः कोयले पर देश की निर्भरता को कम करेगा।
JETP की अवधारणा वर्ष 2021 में जलवायु परिवर्तन पर COP 26 सम्मेलन में रखी गयी थी। इस पहल के तहत फ्रांस, जर्मनी, यूके, यूएस और यूरोपीय संघ (इंटरनेशनल पार्टनर्स ग्रुप, या IPG) ने दक्षिण अफ्रीका की राष्ट्रीय जलवायु कार्य योजना के समर्थन के लिए तीन से पांच वर्षों में 8.5 बिलियन डॉलर प्रदान करने के लिए प्रतिबद्धता व्यक्त की थी।
JETP का उद्देश्य दक्षिण अफ्रीका की अर्थव्यवस्था के डीकार्बोनाइजेशन में तेजी लाना है, बिजली व्यवस्था पर ध्यान देने के साथ, इसके अद्यतन राष्ट्रीय निर्धारित योगदान उत्सर्जन लक्ष्यों में निर्धारित महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को प्राप्त करने में भी मदद करना है।
दक्षिण अफ्रीका की साझेदारी के बाद, G7 ने 28 जून 2022 को अपनी विज्ञप्ति में कहा कि G7 भारत, इंडोनेशिया, वियतनाम के साथ इस तरह की और साझेदारियों पर काम कर रहा है।
यह पहल चाह रहा है कि भारत इस पहल का हिस्सा बनकर कोयला पर अपनी निर्भरता कम करे। परन्तु भारत पहले भी कोयला के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने सम्बन्धी एक अन्य पहल में शामिल होने से मना कर चुका है।