सिक्कों पर देवी-देवताएं
इतिहासकारों के अनुसार, भारत में सिक्कों पर देवी-देवताओं के चित्रों को उत्कीर्ण कराने की एक लंबी परंपरा रही है। मध्य एशियाई क्षेत्र से आने वाले और तीसरी शताब्दी ईस्वी तक शासन करने वाले कुषाणों ने सबसे पहले अपने सिक्कों पर देवी लक्ष्मी का चित्र उत्कीर्ण किया था। कुषाणों ने धन की ईरानी देवी अर्दोचशो को भी उत्कीर्ण करवाया।
कुषाणों ने अपने सिक्के में ओशो [शिव], चंद्र देवता मिरो और बुद्ध को भी चित्रित किया।
विजयनगर के राजाओं ने हिंदू मूर्तियों वाले सिक्कों का इस्तेमाल किया।
हरिहर-द्वितीय (1377-1404) ने ब्रह्मा-सरस्वती, विष्णु-लक्ष्मी और शिव-पार्वती वाले सिक्कों की शुरुआत की।
1192 ईस्वी में मोहम्मद बिन साम (मोहम्मद गोरी) ने भी देवी लक्ष्मी के सिक्के जारी किए गए थे।