ब्रैसिका जंसिया-ऑस्ट्रेलिया में भारतीय GM सरसों की व्यावसायिक खेती की मंजूरी
ऑस्ट्रेलिया के ऑफिस ऑफ़ जीन टेक्नोलॉजी रेगुलेटर (OGTR) ने शाकनाशी सहिष्णु (herbicide tolerance) जेनेटिकली मॉडिफाइड (GM) भारतीय सरसों की प्रजाति ‘ब्रैसिका जंसिया’ (Brassica juncea) की व्यावसायिक खेती को मंजूरी दे दी है।
- वैज्ञानिकों ने कहा कि यह शायद पहली बार है जब भारतीय सरसों की जेनेटिकली मॉडिफाइड किस्म को दुनिया में कहीं भी व्यावसायिक स्वीकृति मिली है।
- GM भारतीय सरसों (GM Indian mustard) की किस्म RF3 में स्ट्रेप्टोमाइसेस हाइग्रोस्कोपिकस (Streptomyces hygroscopicus) से बार जीन प्राप्त किया गया है जो हर्बिसाइड ग्लूफ़ोसिनेट (glufosinate) सहिष्णु है जबकि नर प्रजनन क्षमता की बहाली के लिए बैसिलस एमाइलोलिफ़ेसियन्स (जीनस बैसिलस में जीवाणु की एक प्रजाति) से बारस्टार जीन लिया गया है।
- इसे जीएम कैनोला (GM canola) के साथ गैर-जीएम भारतीय सरसों को क्रॉस करके विकसित किया गया है।
- ग्लूफ़ोसिनेट अमोनियम के प्रति सहिष्णुता के लिए जेनेटिकली मॉडिफाइड नई जीएम भारतीय सरसों को ऑस्ट्रेलिया के सभी सरसों उगाने वाले क्षेत्रों में व्यावसायिक खेती के लिए अनुमोदित किया गया है।
- विपणन कारणों से कुछ राज्यों और क्षेत्रों में प्रतिबंधों के अधीन, BASF ऑस्ट्रेलिया को पूरे ऑस्ट्रेलिया में हर्बीसाइड सहिष्णु जेनेटिकली मॉडिफाइड भारतीय सरसों को व्यावसायिक रूप से जारी करने की मंजूरी दी गई है।
- वर्तमान में, भारतीय सरसों की किस्मों की व्यावसायिक रूप से ऑस्ट्रेलिया के एक बहुत छोटे हिस्से में खेती की जाती है, मुख्यतः सेंट्रल न्यू साउथ वेल्स और पश्चिमी विक्टोरिया में।
जीएम कैनोला (GM canola)
- जीएम कैनोला वर्ष 2003 से ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर पहले से ही स्वीकृत और सफलतापूर्वक खेती की गई है।
- अब तक, कैनोला (ब्रैसिका नेपस) शायद एकमात्र आनुवंशिक रूप से संशोधित सरसों की किस्म है जिसे व्यावसायिक उपयोग के लिए मंजूरी दे दी गई थी।
- कनाडा, अमेरिका और यहां तक कि ऑस्ट्रेलिया सहित दुनिया भर के कई देशों में जीएम कैनोला की खेती 1996 से की जा रही है। कैनोला सरसों की समशीतोष्ण प्रजाति है।
भारत में केवल GM कपास की मंजूरी
- जहां तक भारत का संबंध है, तो यहां पहली बार 2002 में मोनसेंटो की एकल जीन बोलगार्ड तकनीक को मंजूरी देकर जीएम कपास (GM cotton) की खेती की अनुमति दी गयी।
- मोनसेंटो की जीएम कपास बीज प्रौद्योगिकी जल्द ही भारत के कपास क्षेत्र के 90% पर हावी हो गई।
- जीएम कपास के अलावा, भारत ने किसी अन्य ट्रांसजेनिक फसल को मंजूरी नहीं दी है।