होलोपोर्टेशन (Holoportation) क्या है?

Image credit: ESA (European Space Agency) astronaut Thomas Pesquet

होलोपोर्टेशन (Holoportation) एक प्रकार की कैप्चर तकनीक है जो लोगों के उच्च-गुणवत्ता वाले 3D मॉडल को रियल टाइम में कहीं भी फिर से पुनर्संरचित (reconstructed), कंप्रेस्ड और प्रसारित (transmitted) करने की अनुमति देती है।

मिक्स्ड रियलिटी डिस्प्ले जैसे HoloLens के साथ संयुक्त होने पर, यह यूजर्स को 3D में सुदूर स्थित लोगों को देखने, सुनने और बातचीत करने की अनुमति देता है जैसे कि वे वास्तव में एक ही भौतिक स्थान में मौजूद हों।

अक्टूबर 2021 में, NASA के फ़्लाइट सर्जन डॉ. जोसेफ श्मिड, AEXA एयरोस्पेस के सीईओ फ़र्नांडो डी ला पेना लाका, और उनकी टीमें पृथ्वी से अंतरिक्ष में “होलोपोर्टेड” होने वाले पहले इंसान थे

Microsoft Hololens Kinect कैमरा और Aexa, ESA (यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी) के कस्टम सॉफ़्टवेयर के साथ एक व्यक्तिगत कंप्यूटर का उपयोग करते हुए, अंतरिक्ष यात्री थॉमस पेस्केट ने अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के बीच में स्थित डॉ. जोसेफ श्मिड और De La Pena की लाइव छवियों के साथ दो-तरफ़ा संवाद स्थापित की।

यह अंतरिक्ष में पृथ्वी से पहला होलोपोर्टेशन हैंडशेक था। इसके अलावा, यह मानव अन्वेषण का एक नया तरीका है, जहां मानव एंटिटी, पृथ्वी पर रहते हुए भी अंतरिक्ष में यात्रा करने में सक्षम है।

डॉ. जोसेफ श्मिड के अनुसार हमारा भौतिक शरीर वहां नहीं होता है, लेकिन हमारा मानव अस्तित्व बिल्कुल वहां उपस्थित होता है।

उन्होंने यह भी कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अंतरिक्ष स्टेशन 17,500 मील प्रति घंटे की गति यात्रा कर रहा है और पृथ्वी से 250 मील ऊपर कक्षा में निरंतर गति में हो, एक अंतरिक्ष यात्री कभी भी स्टेशन में होलोपोर्टेशन के जरिये मानव अस्तित्व से संवाद स्थापित कर सकता है।

दो-तरफा होलोपोर्टेशन विशेष रूप से अंतरिक्ष यात्रियों और उनके प्रियजनों को पृथ्वी पर वापस आने के भावनात्मक तनाव से निपटने में मदद करने के लिए उपयोगी हो सकता है, विशेष रूप से एक बार जब अंतरिक्ष यात्री मंगल पर मिशन पर जाना शुरू करते हैं, जो कि तीन साल तक चलने की उम्मीद है।

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