CII और EY के मुताबिक भारत में अगले 5 वर्षों में 475 बिलियन डॉलर FDI आकर्षित करने की क्षमता: क्या है वजहें?

भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) और अर्नस्ट और यंग (E&Y) ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसका शीर्षक है, “विजन – विकसित भारत: बहुराष्ट्रीय कंपनियों के अवसर और अपेक्षाएं” (Developed India: Opportunities and Expectations of MNCs)।

रिपोर्ट में कहा गया है कि, भारत में सुधारों और आर्थिक विकास पर ध्यान देने के कारण अगले पांच वर्षों में 475 बिलियन डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने की क्षमता है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में FDI में पिछले एक दशक में लगातार वृद्धि देखी गई है। भारत को वित्त वर्ष 2021-22 में निवेश भावना पर कोविड महामारी और यूक्रेन युद्ध जैसी भू-राजनीतिक घटनाओं के प्रभाव के बावजूद 84.8 बिलियन डॉलर का FDI इनफ्लो प्राप्त हुआ है।

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भारत में FDI इनफ्लो की आशाजनक स्थिति की वजहें

भारत को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में एक उभरते हुए विनिर्माण केंद्र के रूप में देखा जा रहा है,

साथ ही भारत को एक बढ़ता उपभोक्ता बाजार माना जा रहा है।

यही नहीं, भारत को एक डिजिटल परिवर्तन के केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।

तेजी से बदलते भू-राजनीतिक माहौल में, भारत के विशाल और स्थिर लोकतंत्र और निरंतर सुधार उपायों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों (बहुराष्ट्रीय कंपनी) को विश्वास दिला रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में काम करने वाली 71 फीसदी बहुराष्ट्रीय कंपनियां देश को अपने वैश्विक विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण गंतव्य मानती हैं।

आशावाद अल्पकालिक और दीर्घकालिक, दोनों संभावनाओं से प्रेरित है। अधिकांश बहुराष्ट्रीय कंपनियों को लगता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था 3-5 वर्षों में बेहतर प्रदर्शन करेगी। 96% उत्तरदाताओं ने भारत की क्षमता के बारे में सकारात्मक विचार दिए हैं।

भारत की क्षमता में विश्वास की वजह मजबूत खपत की ट्रेंड, डिजिटलीकरण और बढ़ते सेवा क्षेत्र के साथ-साथ इंफ्रास्ट्रक्चर और विनिर्माण पर सरकार के मजबूत फोकस है।

रेगुलेशन बाधाओं को कम करने के लिए भारत सरकार के लगातार प्रयास भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के बीच सकारात्मक धारणा को बढ़ावा दे रहा है।

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