देश की मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 2017 से 19 के बीच सुधरकर103 रह गई है
केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक कार्यालय द्वारा नमूना पंजीकरण प्रणाली (Sample Registration System: SRS) बुलेटिन (2017-19) जारी किया गया है। इसके मुताबिक देश की मातृ मृत्यु अनुपात (Maternal Mortality Ration यानी MMR) वर्ष 2017 से 19 के बीच सुधरकर प्रति लाख 103 रह गई है।
- केरल में मातृ मृत्यु अनुपात (MMR) 30 है जो देश में सबसे कम है। वैसे, पश्चिम बंगाल, हरियाणा, उत्तराखंड और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में स्थिति खराब हुए हैं।
- बुलेटिन के मुताबिक, मातृ मृत्यु अनुपात में लगातार तीसरे वर्ष गिरावट दर्ज की गई है और ऐसा प्रतीत है कि भारत वर्ष 2030 से पहले इसे 70 तक लाने के सतत विकास लक्ष्य (Sustainable Development Goal) को पार कर लेगा।
- वर्ष 1990 में भारत का एमएमआर 556 जबकि 2004 से 06 के दौरान 254 था। देश में 2015-17 के दौरान मातृ मृत्यु अनुपात 122 रहा था।
- उत्तर प्रदेश, राजस्थान और बिहार जैसे सघन आबादी वाले राज्यों में वर्ष 2016-18 के दौरान MMR में क्रमशः 30, 23 और 19 अंकों की गिरावट दर्ज की गई।
- SDG लक्ष्य हासिल करने वाले राज्यों की संख्या अब पांच से बढ़कर सात हो गई है – केरल (30), महाराष्ट्र (38), तेलंगाना (56), तमिलनाडु (58), आंध्र प्रदेश (58), झारखंड (61) , और गुजरात (70)। अब नौ राज्य हैं जिन्होंने राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति द्वारा निर्धारित MMR लक्ष्य हासिल कर लिया है, जिसमें उपरोक्त सात और कर्नाटक (83) और हरियाणा (96) शामिल हैं।
- उत्तराखंड (101), पश्चिम बंगाल (109), पंजाब (114), बिहार (130), ओडिशा (136) और राजस्थान (141) – में एमएमआर 100-150 के बीच है, जबकि छत्तीसगढ़ (160), मध्य प्रदेश ( 163), उत्तर प्रदेश (167) और असम (205) का MMR 150 से ऊपर है।
- केंद्र सरकार के मुताबिक प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान (पीएमएसएमए), प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई), लेबर रूम क्वालिटी इंप्रूवमेंट इनिशिएटिव (LaQshya), पोषण अभियान, एनीमिया मुक्त भारत (एएमबी), सुरक्षित मातृत्व आश्वासन (सुमन), जननी सुरक्षा योजना जैसी योजनाएं (जेएसवाई), जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम (जेएसएसके), व्यापक गर्भपात देखभाल सेवाओं ने देश को एमएमआर लक्ष्य हासिल करने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (NHP) लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब
- इस लगातार गिरावट के साथ, भारत 2020 तक 100 प्रति लाख जीवित जन्मों के राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति (एनएचपी) लक्ष्य को प्राप्त करने के करीब पर है और निश्चित रूप से वर्ष 2030 तक 70/लाख जीवित जन्मों के सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) लक्ष्य को प्राप्त करने के मार्ग पर है।
मातृ मृत्यु अनुपात (MMR)
- मातृ मृत्यु अनुपात (एमएमआर) को एक निश्चित समय अवधि के दौरान प्रति 100,000 जीवित जन्मों के दौरान मातृ मृत्यु की संख्या के रूप में परिभाषित किया गया है।
नमूना पंजीकरण प्रणाली
- SRS (Sample Registration System) बुलेटिन गृह मंत्रालय के अधीन भारत के महापंजीयक कार्यालय, द्वारा प्रकाशित किया जाता है।
- इसने वर्ष 1964-65 में एक पायलट आधार पर भारत में जन्म और मृत्यु के नमूना पंजीकरण की योजना शुरू की थी, जिसे SRS के नाम से जाना जाता है, और 1969-70 से पूरे पैमाने पर शुरू किया गया।