टेक्निकल टेक्सटाइल्स पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के साथ साझेदारी में वस्त्र मंत्रालय ने 12 मार्च को तकनीकी वस्त्रों (Technical Textiles) पर एक पूरे दिन के अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका विषय था: तकनीकी वस्त्रों में सफलता हासिल करना।
क्या है तकनीकी वस्त्र (Technical Textiles)?
- तकनीकी वस्त्र, वस्त्र हैं, जिन्हें विशिष्ट अनुप्रयोगों के लिए उपयुक्त वांछित आउटपुट देने के लिए बनाया जाता है। मूल कच्चा माल जूट, रेशम और कपास जैसे प्राकृतिक रेशे हैं, लेकिन, अधिकांश अनुप्रयोग मानव निर्मित फाइबर का उपयोग करते हैं: पॉलिमर (अरामिड, नायलॉन), कार्बन, कांच और धातु। तकनीकी वस्त्र भविष्य की तकनीक हैं। यह अगली तकनीकी क्रांति होने जा रही है जो हमारे जीने और सोचने के तरीके को पूरी तरह से बदल देगी।
- उनके अनुप्रयोगों के क्षेत्र के आधार पर, भारत में तकनीकी वस्त्र खंड को 12 उप-खंडों में विभाजित किया गया है। पैकेजिंग टेक्सटाइल्स (पैकटेक) (38%), जियोटेक्निकल टेक्सटाइल्स (जियो-टेक) (10%), एग्रीकल्चरल टेक्सटाइल्स (एग्रोटेक) (12%) में भारत की प्रमुख उपस्थिति है।
- नई सामग्री के आगमन के साथ तकनीकी वस्त्रों के अनुप्रयोग दिन-ब-दिन व्यापक होते जा रहे हैं। स्मार्ट वस्त्रों में किए गए नए आविष्कारों के साथ; 3-डी वीविंग, हेल्थ मॉनिटरिंग के लिए स्मार्ट वियर और अल्ट्रा-हाई परफॉर्मिंग स्पोर्ट्सवियर नए रास्ते खोल रहे हैं जो कुछ साल पहले अकल्पनीय थे।
- तकनीकी वस्त्रों में वह कपड़ा सामग्री और उत्पाद शामिल हैं जो मुख्य रूप से सौंदर्य और सजावटी विशेषताओं के अलावा बेहतर तकनीक के उपयोग से निर्मित होते हैं। इनके लिए न केवल कपड़ों बल्कि कृषि, चिकित्सा, बुनियादी ढांचे, मोटर वाहन, एयरोस्पेस, खेल, रक्षा और पैकेजिंग जैसे क्षेत्रों से भी आवेदन आते हैं।
- भारत में तकनीकी वस्त्र उद्योग के आधारभूत सर्वेक्षण के अनुसार, देश में तकनीकी वस्त्र बनाने वाली लगभग 2100 इकाइयाँ हैं और उनमें से अधिकांश गुजरात में हैं और इसके बाद महाराष्ट्र और तमिलनाडु में हैं। कुल बारह खंडों के वैश्विक तकनीकी वस्त्र बाजार क्षेत्र में भारत की हिस्सेदारी 4-5% है।
- भारत में तकनीकी वस्त्र कुल कपड़ा मूल्य श्रृंखला का 12-15% है, जबकि कुछ यूरोपीय देशों में तकनीकी वस्त्र कुल कपड़ा मूल्य श्रृंखला का 50% तक है।
राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन (National Technical Textiles Mission)
- केंद्रीय वित्त एवं कॉर्पोरेट मामलों की मंत्री, निर्मला सीतारमण ने राष्ट्रीय तकनीकी कपड़ा मिशन स्थापित करने के प्रस्ताव की घोषणा की थी।
- 2020-21 से 2023-24 तक, चार साल की अवधि में, कार्यान्वयन करने के लिए इस मिशन की अनुमानित लागत 1,480 करोड़ रूपया है, जिससे कि भारत को तकनीकी वस्त्र के क्षेत्र में एक वैश्विक लीडर के रूप में स्थापित किया जा सके।
- इस मिशन के चार घटक हैं: अनुसंधान, नवाचार और विकास, संवर्द्धन और विपणन विकास, निर्यात संवर्धन, (शिक्षा, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास।