डॉ. माधव हाड़ा 32वें बिहारी पुरस्कार से सम्मानित

लेखक डॉ. माधव हाड़ा (Madhav Hada) को उनकी 2015 की साहित्यिक आलोचना पुस्तक ‘पचरंग चोला पहर सखी री’ (Pachrang Chola Pahar Sakhi Ri) के लिए 32वें बिहारी पुरस्कार (32nd Bihari Puraskar) से सम्मानित किया जाएगा।

पुरस्कार की घोषणा के.के. बिड़ला फाउंडेशन ने 29 सितंबर को की।

डॉ. हाड़ा एक साहित्यिक आलोचक और अकादमिक हैं। उन्होंने साहित्य, मीडिया, संस्कृति और इतिहास पर विस्तार से लिखा है।

वह साहित्य अकादमी की जनरल कॉउंसिल और हिंदी सलाहकार बोर्ड के सदस्य भी रहे हैं। वह मीडिया अध्ययन के लिए भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार और साहित्यिक आलोचना के लिए देवराज उपाध्याय पुरस्कार जीत चुके हैं।

बिहारी पुरस्कार

बिहारी पुरस्कार 1991 में केके बिड़ला फाउंडेशन द्वारा स्थापित तीन साहित्यिक पुरस्कारों (व्यास सम्मान और सरस्वती सम्मान अन्य दो हैं) में से एक है।

प्रसिद्ध रीतिकालीन हिंदी कवि बिहारी के नाम पर यह पुरस्कार हर साल पिछले 10 वर्षों में हिंदी या राजस्थानी में भषा में किसी राजस्थानी लेखक द्वारा प्रकाशित उत्कृष्ट कृति के लिए दिया जाता है।

इसमें 2.5 लाख रुपये का नकद पुरस्कार, एक पट्टिका और एक प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।

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