सप्त कोसी बांध परियोजना पर आगे कदम बढ़ाने पर सहमति

भारत और नेपाल में सप्त कोसी बांध परियोजना (Sapta Kosi high dam) के अध्ययन के बाद इस पर आगे कदम बढ़ाने पर सहमति बन गई है। दोनों पक्षों के वरिष्ठ अधिकारियों ने 23 सितंबर को काठमांडू में बैठक की और द्विपक्षीय जल क्षेत्र सहयोग की समीक्षा की।

इस दौरान महाकाली समझौते के क्रियान्वयन तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सहयोग पर भी चर्चा हुई। कोसी पर प्रस्तावित जलाशय का निर्माण नेपाल में किया जाना है।

सप्त कोसी बांध परियोजना के पूरे होने से बिहार के लोगों को बाढ़ की समस्या से राहत मिलेगी। यह बांध नेपाल में बनना है और वहां से बिहार आने वाली नदी के पानी को नियंत्रित किया जा सकेगा।   इस दौरान महाकाली समझौते के क्रियान्वयन, सप्त कोसी-सनकोसी परियोजना तथा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों पर सहयोग को लेकर भी चर्चा हुई।

वर्ष 1991 में भारत और नेपाल के बीच प्रधानमंत्री स्तर पर सहमति के बाद सप्तकोसी बांध परियोजना (नेपाल का बराह क्षेत्र) के लिए भारत-नेपाल संयुक्त विशेषज्ञ दल ( जेटीई) गठित किया गया था। इस दल द्वारा योजना का प्रारंभिक रिपोर्ट तैयार की गई।

इस पर दोनों देशों ने सहमति भी दी।  हालांकि कई मुद्दों पर चर्चा नहीं होने की वजह से परियोजना में देरी होती रही है।

सप्त कोसी हाई डैम नेपाल की सप्तकोशी नदी पर बनने वाली एक बहुउद्देशीय परियोजना है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्व नेपाल और उत्तरी बिहार में बाढ़ को नियंत्रित करना और जल विद्युत उत्पन्न करना है।

बता दें कि विगत एक-दो वर्षों में भारत और नेपाल ने कई परियोजनाओं के विकास पर सहमति जताई है।

भारत पहले से ही पूर्वी नेपाल में अरुण नदी पर 1.04 अरब डॉलर की लागत से 900 मेगावाट की जलविद्युत परियोजना का निर्माण कर रहा है।

नेपाल ने सेती और पश्चिम सेती नदी परियोजनाओं को विकसित करने के लिए एक भारतीय कंपनी एनएचपीसी के साथ एक समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं जो नेपाल के सबसे कम विकसित सुदूर पश्चिमी क्षेत्र में पश्चिम सेती नदी पर प्रस्तावित हैं। पहले सेती परियोजनाओं को चीन को विकसित करना था।

सप्तकोशी नदी

सप्तकोशी नदी की सात सहायक नदियाँ हैं और यह नेपाल की सबसे बड़ी नदियों में से एक है। कोशी या कोसी नदी तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में हिमालय के उत्तरी ढलानों और नेपाल में दक्षिणी ढलानों से होकर बहती है।

चतरा कण्ठ के उत्तर में सहायक नदियों के संगम के पश्चात कोशी नदी को सात ऊपरी सहायक नदियों के साथ सप्तकोशी के रूप में भी जाना जाता है।

इनमें पूर्व में कंचनजंगा क्षेत्र से निकलने वाली तामूर कोशी, तिब्बत से अरुण नदी और पश्चिम में गोसाईंथान क्षेत्र से सूर्य कोशी शामिल हैं। पूर्व से पश्चिम तक सूर्य कोशी की सहायक नदियाँ दूध कोशी, भोटे कोशी, तम्बा कोशी और इंद्रावती कोशी हैं।

सप्तकोशी कटिहार जिले में कुर्सेला के पास गंगा में मिलने से पहले उत्तरी बिहार में बहती है ।

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