इनोवेशन रोड-मैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेट बायो-रीफायनरीज़ (IRMIB) की शुरूआत
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह ने 23 सितंबर को अमेरिका के पेनसिल्वेनिया स्थित पिट्सबर्ग में आयोजित ग्लोबल क्लीन एनर्जी ऐक्शन फोरम (Global Clean Energy Action Forum) में ब्राजील, कनाडा, ईसी और यूके से मिले नतीजों और निष्कर्षों के आधार पर विकसित “मिशन आधारित जैव-परिशोधन की नवोन्मेषी रूपरेखा/इनोवेशन रोड-मैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेट बायो-रीफायनरीज़” (Innovation Roadmap of the Mission Integrated Biorefineries: IRMIB) की शुरूआत की घोषणा की।
IRMIB मिशन का लक्ष्य सार्वजनिक-निजी निवेश के जरिये अगले पांच वर्षों के दौरान ऊर्जा अनुसंधान, और विकास में वित्तपोषण बढाने के लिये अधिक अंतर्राष्ट्रीय सहयोग प्राप्त करना है, ताकि इस लक्ष्य को पूरा करने की तथा सार्वजनिक व निजी निवेश के रचनात्मक चक्र की शुरूआत हो सके।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ग्लोबल क्लीन एनर्जी ऐक्शन फोरम में “सस्टेनेबल बायो-एनर्जी एंड बायो-रीफायनरीज़” के पहली गोलमेज चर्चा में बोल रहे थे।
यह फोरम सातवें मिशन इनोवेशन और 13वें क्लीन एनर्जी मिनिस्टीरियल-2022 का संयुक्त सम्मेलन था।
इनोवेशन रोडमैप ऑफ दी मिशन इंटीग्रेटेड बायो-रीफायनरीज़” का लक्ष्य है कि मौजूदा बायो-रीफायनरीज़ इसके अलावा महत्त्वपूर्ण जैव-परिशोधक प्रौद्योगिकियों के पूरे परिवेश के वित्तपोषण के प्रस्तावों को तैयार करने में सुविधा हो तथा कार्रवाई तेजी से चलाने के सुझाव मिल सकें।
क्या है बायोरिफाइनरी?
एक बायोरिफाइनरी (Biorefineries) को एक फ्रेमवर्क या संरचना के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें बायोमास का उपयोग कई उत्पादों के उत्पादन के लिए इष्टतम तरीके से किया जाता है और पर्यावरण के लिए हानिकारक नहीं होने पर आत्मनिर्भर होने की कोशिश करता है।
बायोमास से ईंधन और उपयोगी रसायनों का उत्पादन करने के लिए पेट्रोलियम रिफाइनरी जैसी प्रणाली की आवश्यकता होती है और इसे बायोरिफाइनरी के रूप में जाना जाता है।
बायोवेस्ट बायोरिफाइनरी (ग्रामीण) समुदायों को अपने बायोवेस्ट को मूल्य वर्धित जैव ईंधन, जैव रासायनिक यौगिकों और उर्वरकों में बदलने की अनुमति देती है।