REC Ltd को मिला ‘महारत्न’ कंपनी का दर्जा

बिजली क्षेत्र केंद्रित गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी आरईसी लिमिटेड (REC Ltd ) को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम का ‘महारत्न’ (Maharatna) दर्जा दिया गया है। इस प्रकार इसे अधिक परिचालन और वित्तीय स्वायत्तता प्रदान की गई है।

महारत्न का दर्जा देने से वित्तीय निर्णय लेने के दौरान कंपनी के बोर्ड को अधिक शक्तियां प्रदान की जाएंगी।

महारत्न का दर्जा हासिल करने वाली सार्वजनिक क्षेत्र (CPSEs) की यह 12वीं कंपनी बन गई है।

वर्तमान में अन्य 11 महारत्न CPSEs हैं: पावर फाइनेंस कॉर्पोरेशन, भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, कोल इंडिया लिमिटेड, गेल (इंडिया) लिमिटेड, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड, ऑयल एंड नेचुरल गैस कार्पोरेशन लिमिटेड, पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, और स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड। इनके अलावा भारत में 13 नवरत्न और 74 मिनीरत्न CPSEs हैं।

महारत्न का दर्जा प्राप्त करने के लिए शर्तें

एक कंपनी को महारत्न का दर्जा के रूप में वर्गीकृत करने के लिए, भारतीय स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होना चाहिए और पिछले तीन वर्षों के दौरान औसत वार्षिक कारोबार (turnover) ₹ 25,000 करोड़ से अधिक होना चाहिए।

इसके अलावा पिछले तीन वर्षों के दौरान इसकी औसत वार्षिक निवल परिसंपत्ति (average annual net worth ) ₹15,000 करोड़ से अधिक होनी चाहिए और इसी अवधि के दौरान ₹5,000 करोड़ से अधिक का औसत शुद्ध लाभ होना चाहिए।

महारत्न का दर्जा मिलने के बाद REC Ltd अब किसी एक परियोजना में ₹5,000 करोड़ या अपनी कुल संपत्ति का 15% तक निवेश कर सकती है।

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