शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार अनुच्छेद 19(1)(g) के तहत एक मौलिक अधिकार है: सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने 15 सितंबर को कहा कि ‘शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना का अधिकार’ एक मौलिक अधिकार है (right to establish educational institutions is a fundamental right), लेकिन इस पर युक्तियुक्त प्रतिबंध केवल कानून द्वारा ही लगाया जा सकता है, न कि कार्यकारी निर्देश (executive instruction) द्वारा।
जस्टिस बी.आर. गवई और पी.एस. नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि चूंकि न्यायालय ने माना है कि भारत के संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (G) के तहत एक शैक्षणिक संस्थान स्थापित करने का अधिकार एक मौलिक अधिकार है, ऐसे में ऐसे अधिकार पर युक्तियुक्त प्रतिबंध केवल एक कानून द्वारा लगाया जा सकता है और न कि एक कार्यकारी निर्देश द्वारा।
शीर्ष अदालत ने इस मामले में उच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों को बरकरार रखा और उन्हें चुनौती देने वाली फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) की अपील को खारिज कर दिया।
आदेशों को चुनौती देने वाली फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा दायर याचिकाओं में निर्णय पारित किया गया था। दिल्ली, छत्तीसगढ़ और कर्नाटक उच्च न्यायालयों ने फार्मेसी काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा 5 साल के लिए नए कॉलेज खोलने पर रोक लगाने के आदेश पर रोक लगा दी थी।
पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाले कार्यकारी निर्देश को बनाए रखने से इनकार करते हुए, सुप्रीम कोर्ट बेंच ने यह भी कहा कि यदि संबंधित राज्य में पहले से ही पर्याप्त संख्या में संस्थान हैं तो फार्मेसी काउंसिल नए कॉलेज खोलने के लिए दायर आवेदन को अस्वीकार करने के लिए स्वतंत्र है।
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ का विचार था कि कभी-कभी जनता के व्यापक हित में कॉलेज खोलने पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो सकता है।