निर्वाचन आयोग ने 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को निष्क्रिय घोषित किया
भारत निर्वाचन आयोग ने 13 सितंबर को 86 और निष्क्रिय पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognized Political Parties: RUPPs) को राजनीतिक दल सूची से हटा दिया है तथा अतिरिक्त 253 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को ‘निष्क्रिय RUPPs’ के रूप में घोषित किया है।
लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 29क (section 29A of the RP Act) के अंतर्गत कानूनी जरूरतों के अनुसार प्रत्येक राजनीतिक दल को अपने नाम, प्रधान कार्यालय, पदाधिकारियों, पते, पैन में किसी भी प्रकार के बदलाव की संसूचना आयोग को बिना किसी विलंब के देनी होती है।
86 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) या तो संबंधित राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों के संबंधित मुख्य निर्वाचन अधिकारियों द्वारा किए गए प्रत्यक्ष सत्यापन के बाद या डाक प्राधिकारी से संबंधित पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) के पंजीकृत पते पर भेजे गए अवितरित पत्रों/नोटिसों की रिपोर्ट के आधार पर निष्क्रिय पाए गए हैं।
कॉमन चुनाव चिन्ह का विशेषाधिकार
उपर्युक्त 253 दलों में से, 66 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल (RUPPs) ने वास्तव में चुनाव चिन्ह आदेश 1968 (Symbol’s Order 1968) के पैरा 10B के अनुसार एक समान चुनाव चिन्ह के लिए आवेदन किया था और संबंधित चुनाव नहीं लड़ा था।
एक राज्य के उक्त विधानसभा निर्वाचन के संबंध में कुल उम्मीदवारों में से कम से कम 5 प्रतिशत उम्मीदवार खड़ा करने की शर्त पर RUPPs को एकसमान (कॉमन) चुनाव चिन्ह का विशेषाधिकार दिया जाता है।
बता दें कि राजनीतिक दलों के पंजीकरण का प्राथमिक उद्देश्य धारा 29A में निहित है जिसमें किसी संगठन (एसोसिएशन) को एक राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत होने के बाद मिलने वाले विशेषाधिकारों और लाभों को सूचीबद्ध किया गया है।
पांच साल के भीतर चुनाव लड़ना जरुरी
राजनीतिक दलों के पंजीकरण के लिए 13(ii)(ई) दिशानिर्देशों के अनुसार किसी राजनीतिक दल को अपने पंजीकरण के पांच साल के भीतर निर्वाचन आयोग द्वारा संचालित चुनाव लड़ना चाहिए और उसके बाद उसे चुनाव लड़ना जारी रखना चाहिए। इसका मतलब यह हुआ कि यदि पार्टी लगातार छह साल तक चुनाव नहीं लड़ती है, तो पार्टी को पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जा सकता है।
राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति
गौरतलब है कि चुनाव आयोग के पास एक राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति नहीं है। हालांकि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस बनाम समाज कल्याण संस्थान और अन्य (2002) के मामले ( Indian National Congress Vs Institute of Social Welfare and others) में सुप्रीम कोर्ट ने निर्णय दिया था तीन आधारों पर राजनीतिक दल का पंजीकरण रद्द किया जा सकता है।
ये तीन आधार हैं; 1. राजनीतिक दल का पंजीकरण तभी रद्द किया जा सकता है जब 1. उसने धोखाधड़ी या जालसाजी के माध्यम से पंजीकरण कराया है या 2. यदि उन्हें केंद्र सरकार द्वारा अवैध घोषित किया गया हो या 3. यदि उन्होंने भारतीय संविधान का पालन करना बंद कर दिया हो।