अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (IDF WDS) 2022 का उद्घाटन

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 12 सितंबर को ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर एंड मार्ट में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय डेयरी महासंघ विश्व डेयरी शिखर सम्मेलन (International Dairy Federation World Dairy Summit: IDF WDS) 2022 का उद्घाटन किया।

12 से 15 सितंबर तक आयोजित चार-दिवसीय IDF WDS 2022, ‘डेयरी फॉर न्यूट्रिशन एंड लाइवलीहुड’ थीम पर केंद्रित उद्योग जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों, किसानों और नीति योजनाकारों सहित वैश्विक व भारतीय डेयरी हितधारकों का एक समूह है।

इस तरह का पिछला शिखर सम्मेलन भारत में लगभग आधी सदी पहले 1974 में आयोजित किया गया था।

भारत में डेयरी कोऑपरेटिव का एक ऐसा विशाल नेटवर्क है। लाखों छोटे और सीमांत डेयरी किसानों के योगदान से आज भारत विश्व का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश बन गया है और आज डेयरी क्षेत्र में भारत में सबसे ज़्यादा प्रासंगिकता कोऑपरेटिव संस्थानों की है।

भारत, वैश्विक दूध का लगभग 23 प्रतिशत का उत्पादन करता है। भारत में सालाना लगभग 210 मिलियन टन दूध का उत्पादन होता है।

डेयरी सेक्टर के लिए पहल

भारत सरकार ने डेयरी क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और उसे सुगम बनाने को ध्यान में रखते हुए,अपने निवेश सुविधा प्रकोष्ठ के अंतर्गत डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर की स्थापना की है।

डेयरी इन्वेस्टमेंट ऐक्सेलरेटर द्वारा निवेशकों के बीच पशुपालन अवसंरचना विकास कोष (Animal Husbandry Infrastructure Development Fund: AHIDF) के बारे में जागरूकता फैलाने का भी काम किया जाता है।

AHIDF, भारत सरकार के पशुपालन एवं डेयरी विभाग की प्रमुख योजनाओं में से एक है जिसके अंतर्गत उद्यमियों, निजी कंपनियों, एमएसएमई, किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) और संभाग 8 कंपनियों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए 15,000 करोड़ रुपये का कोष स्थापित किया गया है।

देशी नस्ल के गोजातीय के विकास और संरक्षण के लिए राष्ट्रीय गोकुल मिशन (RGM) शुरू किया गया है।

राज्य कार्यान्वयन एजेंसी द्वारा गुणवत्ता वाले दूध के उत्पादन, दूध और दूध उत्पादों की खरीद, प्रसंस्करण और विपणन के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण / सुदृढ़ीकरण के लिए राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (NPDD) शुरू किया गया है।

राष्ट्रीय पशुधन मिशन (National Livestock Mission: NLM) पशुधन क्षेत्र विशेष रूप से भेड़/बकरी/सुअर और कुक्कुट के सतत विकास और और चारा और चारे की बढ़ती उपलब्धता, जोखिम प्रबंधन और पशुधन के लिए शुरू किया गया है।

दूध का उत्पादन

1950-51 में दूध का उत्पादन महज 17 मिलियन टन (एमटी) था। 1968-69 में, ऑपरेशन फ्लड की शुरुआत से पहले, दूध का उत्पादन केवल 21.2 मीट्रिक टन था जो 1979-80 तक बढ़कर 30.4 मीट्रिक टन, 1989-90 तक 51.4 मीट्रिक टन और 2020-21 तक 209.96 मीट्रिक टन हो गया।

तीन दशकों (1980, 1990 और 2000 के दशक) में, देश में दैनिक दूध की खपत 1970 में प्रति व्यक्ति 107 ग्राम से बढ़कर 2020-21 में प्रति व्यक्ति 427 ग्राम हो गई।

विश्व खाद्य के रूप में दूध के महत्व को स्वीकार करने और डेयरी क्षेत्र की सफलता का जश्न मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन (FAO) द्वारा 2001 से हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस (World Milk Day) के रूप में मनाया जाता है।

भारत में, 26 नवंबर को डॉ वर्गीज कुरियन के जन्मदिन को राष्ट्रीय दुग्ध दिवस (National Milk Day) के रूप में मनाया जाता है।

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