भारत ‘इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम फॉर प्रॉस्पेरिटी ( IPEF)’ के 3 पिलर्स में शामिल हुआ
भारत, अमेरिका के नेतृत्व वाले इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम फॉर प्रॉस्पेरिटी (Indo-Pacific Economic Forum for Prosperity: IPEF) पहल के तीन स्तंभों (पिलर्स) में शामिल हो गया है, लेकिन चौथी महत्वपूर्ण पिलर ‘कनेक्टेड इकोनॉमी’ (व्यापार स्तंभ) में शामिल नहीं हुआ है।
IPEF की पहली मंत्रिस्तरीय बैठक (व्यक्तिगत रूप से उपस्थिति में) 9 सितंबर को लॉस एंजिल्स में आयोजित हुई।
इस बैठक के दौरान भारत IPEF के चार पिलर्स में से तीन में शामिल हो गया है। जिन तीन पिलर्स में भारत शामिल हुआ है, वे हैं; लचीली अर्थव्यवस्था/resilient economy (आपूर्ति श्रृंखला), स्वच्छ अर्थव्यवस्था/clean economy (स्वच्छ ऊर्जा, डीकार्बोनाइजेशन, और इंफ्रास्ट्रक्चर) और ईमानदार अर्थव्यवस्था/fair economy (भ्रष्टाचार और धन शोधन विरोधी और कर)।
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने IPEF की पहली व्यक्तिगत मंत्रिस्तरीय बैठक में भाग लिया।
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (IPEF) मंत्रिस्तरीय बैठक के मौके पर मीडिया के साथ बातचीत करते हुए, मंत्री ने आश्वासन दिया था कि भारत राष्ट्रीय हित के आधार पर IPEF के फ्रेमवर्क के विभिन्न पहलुओं पर निर्णय लेगा।
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) के बारे में
इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फोरम फॉर प्रॉस्पेरिटी (IPEF) को चीन की आक्रामक और गैर-पारदर्शी व्यापार और आर्थिक नीतियों का मुकाबला करने के लिए एक मैकेनिज्म के रूप में देखा जा रहा है।
IPEF इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में 14 देशों का समूह है।
इस फोरम के सदस्य देश वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 40% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
IPEF के 14 सदस्य देश हैं:ऑस्ट्रेलिया, ब्रुनेई, फिजी, भारत, इंडोनेशिया, जापान, कोरिया, मलेशिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड, वियतनाम और संयुक्त राज्य अमेरिका।