राजस्थान सरकार ने शुरू की शहरी रोजगार गारंटी योजना

राजस्थान सरकार ने 9 सितंबर को ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना मनरेगा की तर्ज पर शहरी रोजगार गारंटी योजना (urban employment guarantee scheme) शुरू की। इस योजना का नाम पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी के नाम पर रखा गया है।

यह योजना राज्य के मुख्यमंत्री द्वारा जयपुर में अम्बेडकर भवन के पास 18 वीं शताब्दी के खनिया की बावड़ी में नवीनीकरण कार्य के साथ शुरू की गई।

इस योजना का उद्देश्य शहरों में रहने वाले गरीब और जरूरतमंद परिवारों को वर्ष में मांग पर 100 दिनों के काम के माध्यम से आर्थिक सहायता प्रदान करना है।

राज्य भर में 3.5 लाख से अधिक लोगों ने इस योजना के तहत अपना पंजीकरण कराया और उनमें से 2.25 लाख को जॉब कार्ड जारी किए गए।

शहरी रोजगार गारंटी योजना जॉब कार्ड धारक परिवारों में 18 से 60 वर्ष की आयु के सदस्यों को मांग के आधार पर रोजगार प्रदान करेगी।

राज्य सरकार ने योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए विभिन्न स्तरों पर समितियों का गठन किया है।

यह योजना पर्यावरण और जल संरक्षण, सफाई और स्वच्छता, संपदा के डिफेसमेंट को रोकने, सेवा से संबंधित कार्यों, कन्वर्जेन्स कार्य और विरासत संरक्षण के क्षेत्रों में रोजगार प्रदान करेगी।

योग्य लोगों को वृक्षारोपण, तालाबों की सफाई, कूड़ा-करकट इकट्ठा करने और आवारा पशुओं को पकड़ने जैसे क्षेत्रों में रोजगार मिलेगा।

योजना के तहत शहरी स्थानीय निकायों के प्रत्येक वार्ड में कम से कम 50 व्यक्तियों को रोजगार दिया जाएगा।

पंजीकरण के लिए जनाधार कार्ड या उसकी पंजीकरण पर्ची की आवश्यकता होगी, जो ई-मित्र केंद्रों पर किया जा सकता है।

योजना के तहत अच्छा कार्य करने वाले नगर निकायों को राज्य सरकार पुरस्कृत करेगी।

15 दिनों के भीतर लाभार्थी के बैंक खातों में कार्य के पारिश्रमिक का भुगतान कर दिया जाएगा।

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