ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC): अल्फा के बाद अब बीटा टेस्टिंग
केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री, श्री पीयूष गोयल ने 30 अगस्त को नई दिल्ली में ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (Open Network for Digital Commerce: ONDC) की प्रगति की समीक्षा के लिए बुलाई गई बैठक की अध्यक्षता की।
इस दौरान बताया गया कि अप्रैल में 5 शहरों में अल्फा लॉन्च (Alpha testing) के बाद से, ONDC शुरू से अंत तक क्रियान्वयन को समझने के लिए एक यूजर्स समूह के साथ परीक्षण कर रहा है।
अब ONDC सीमित क्षेत्रों में पब्लिक यूजर्स के साथ नेटवर्क का बीटा-परीक्षण (beta-testing) शुरू करने की योजना बना रही है।
बीटा परीक्षण एक प्रकार का यूजर्स स्वीकृति परीक्षण है जहां उत्पाद टीम वास्तविक दुनिया में उत्पाद प्रदर्शन का मूल्यांकन करने के लिए लक्षित उपयोगकर्ताओं के समूह को लगभग तैयार उत्पाद देती है।
बीटा परीक्षण कैसा दिखना चाहिए और बीटा परीक्षण कैसे सेट किया जाए, इसके लिए कोई मानक नहीं है।
किसी प्रोजेक्ट के पायलट फेज में आंतरिक कर्मचारियों पर जो टेस्टिंग की जाती है उसे अल्फा परीक्षण कहा जाता है और दूसरे चरण में वास्तविक यूजर्स के साथ उस उत्पाद का परीक्षण बीटा टेस्टिंग कहलाता है।
ONDC की मुख्य विशेषताएं
इसे भारतीय गुणवत्ता परिषद में उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) द्वारा इनक्यूबेट किया गया है।
इसे एक निजी, गैर-लाभकारी (धारा -8) कंपनी के रूप में निगमित किया गया है।
लेन-देन करने के लिए खरीदारों और विक्रेताओं को एक ही प्लेटफॉर्म या एक ही मोबाइल ऐप का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं है। वे विभिन्न ऐप का उपयोग कर सकते हैं और फिर भी व्यावसायिक लेनदेन कर सकते हैं।
इसका उद्देश्य इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क के माध्यम से वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए एक ओपन प्लेटफार्म को बढ़ावा देना है।
जैसे पेमेंट सेगमेंट में UPI है वैसे ही ई-कॉमर्स क्षेत्र में मोनोपॉली समाप्त कर ओपन खरीद-बिक्री ऐप विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसका उद्देश्य छोटे और मध्यम व्यवसायों को उनके सामान और सेवाओं को उपभोक्ताओं के एक बड़े समूह को ऑनलाइन उपलब्ध कराने के लिए समान पहुंच प्रदान करना है।
यह डिजिटल या इलेक्ट्रॉनिक नेटवर्क पर वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के सभी पहलुओं के लिए ओपन नेटवर्क को बढ़ावा देगा।
यह किसी विशिष्ट प्लेटफॉर्म से स्वतंत्र ओपन स्पेसिफिकेशंस और ओपन नेटवर्क प्रोटोकॉल का उपयोग करते हुए ओपन-सोर्स पद्धति पर आधारित है ।
उपभोक्ता किसी भी संगत एप्लिकेशन या प्लेटफॉर्म का उपयोग करके संभावित रूप से किसी भी विक्रेता, उत्पाद या सेवा की खोज कर सकते हैं, जिससे उपभोक्ताओं के लिए पसंद की स्वतंत्रता बढ़ जाती है।
ONDC उपभोक्ताओं को निकटतम उपलब्ध आपूर्ति के साथ मांग का मिलान करने में सक्षम बनाएगा।