इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप
प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद (EAC-PM) ने 30 अगस्त को इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप (Competitiveness Roadmap for India@100) जारी किया। यह रोडमैप भारतीय प्रतिस्पर्धात्मकता पहल का एक भाग है।
मुख्य तथ्य
यह रोडमैप EAC-PM और द इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस का समन्वित प्रयास है और इसे इंस्टीट्यूट फॉर कॉम्पिटिटिवनेस के अध्यक्ष डॉ. अमित कपूर और हार्वर्ड बिजनेस स्कूल के प्रोफेसर माइकल ई. पोर्टर एवं डॉ. क्रिश्चियन केटेल्स ने विकसित किया है।
यह आने वाले वर्षों में देश की विकास यात्रा के लिए नए मार्गदर्शक सिद्धांतों का निर्धारण करने तथा भारत के विकास के लिए लक्षित लक्ष्यों को प्राप्त करने हेतु क्षेत्र-विशिष्ट रोडमैप विकसित करने के लिए विभिन्न राज्यों, मंत्रालयों और भागीदारों का मार्गदर्शन करने की कल्पना करता है।
इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप प्रोफेसर माइकल ई. पोर्टर द्वारा तैयार किए गए प्रतिस्पर्धात्मकता फ्रेमवर्क पर आधारित है।
यह रोडमैप इस बात पर बल देता है कि एक देश कम्पनियों को अधिक उत्पादक बनाने और व्यक्तियों को उनकी उत्पादकता के माध्यम से सृजित मूल्यों में भागीदारी करने में समर्थ बनाने में सक्षम है।
इस दृष्टिकोण के आधार पऱ, इंडिया@100 रोडमैप ‘4 एस’ (4 S) सिद्धांतों पर आधारित खंड-विशिष्ट और क्षेत्र-विशिष्ट नीतियों के आधार पर वर्ष 2047 तक भारत को उच्च आय वाला राष्ट्र बनाने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान करता है।
यह रोडमैप स्पष्ट रूप से परिभाषित समग्र लक्ष्यों और सामाजिक एवं आर्थिक एजेंडों के समेकन पर अंतर-निहित विकास के नए दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति के आधार पर नए दिशा-निर्देश प्रदान करने के लिए तत्पर है।
‘4 S’ मार्गदर्शक सिद्धांत समृद्धि की वृद्धि को सामाजिक प्रगति (social progress) के अनुरूप बनाने, भारत के भीतर सभी क्षेत्रों में साझा किए जाने (shared across all regions), पर्यावरण की दृष्टि से सतत बनाने (sustainable) तथा बाहरी आघातों के समक्ष सुदृढ़ बनाने (solid) की जरूरत पर बल देते हुए समृद्धि हासिल करने के हमारे दृष्टिकोण को नए सिरे से परिभाषित करते हैं।
इन चार महत्वपूर्ण दृष्टिकोणों वाले ‘4 S’ मार्गदर्शक सिद्धांत लचीले और समग्र विकास का मार्ग प्रशस्त करेंगे। इंडिया@100 के लिए प्रतिस्पर्धात्मकता रोडमैप भारत की प्रगति और विकास रणनीति के लिए एक नए दृष्टिकोण का आधार प्रदान करता है।