HSN कोड मुहैया कराने की जिम्मेदारी बोली लगाने वाले की है, टेंडरिंग अथॉरिटी की नहीं: सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें टेंडरिंग अथॉरिटी के लिए टेंडर में प्रासंगिक हार्मोनाइज्ड सिस्टम ऑफ नोमेनक्लेचर्स (HSN) कोड का उल्लेख करना अनिवार्य कर दिया था, ताकि बोली लगाने वाले को कीमतों के आधार पर वस्तु और सेवा कर (GST) की सही दर पता चल सके।

न्यायालय ने कहा कि प्रासंगिक HSN कोड का पता लगाना बोलीदाताओं की जिम्मेदारी है न कि टेंडरिंग अथॉरिटी की।

बता दें कि 1 अप्रैल, 2021 से, पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये से अधिक का कारोबार करने वाले जीएसटी करदाता के लिए 6 अंकों का HSN कोड (Harmonised System of Nomenclature Code) प्रस्तुत करना अनिवार्य कर दिया गया है।

पिछले वित्तीय वर्ष में 5 करोड़ रुपये तक का कारोबार करने वाले करदाता को बी 2 बी चालान पर अनिवार्य रूप से 4 अंकों का HSN कोड प्रस्तुत करना आवश्यक है।

सीमा शुल्क टैरिफ में, HSN कोड को शीर्षक (4 अंक HS), उप-शीर्षक (6 अंक HS) और टैरिफ आइटम (8 अंक) के रूप में निर्धारित किया गया है।

HSN कोड

विश्व सीमा शुल्क संगठन (World Customs Organization) ने HSN कोड को एक बहुउद्देश्यीय अंतरराष्ट्रीय उत्पाद नोमेनक्लेचर्स के रूप में विकसित किया है जो पहली बार 1988 में पूरी दुनिया में वस्तुओं के वर्गीकरण को व्यवस्थित तरीके से सुविधाजनक बनाने की दृष्टि से लागू हुआ था।

HSN छह अंकों का कोड है जो कानूनी और तार्किक संरचना में व्यवस्थित 5000 से अधिक उत्पादों को वर्गीकृत करता है।

HSN वर्गीकरण का व्यापक रूप से कराधान उद्देश्यों के लिए उपयोग किया जाता है, जो समीक्षाधीन देश में किसी विशिष्ट उत्पाद पर लागू कर की दर की पहचान करने में मदद करता है।

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