तिलपिया एक्वाकल्चर प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना तहत विज्ञान एवं प्रोद्योगिक विभाग प्रौद्योगिकी विकास बोर्ड ने इजराइली प्रौद्योगिकी के साथ उन्नत, गहन, ‘ऑल मेल तिलपिया एक्वाकल्चर प्रोजेक्ट’ (All Male Tilapia Aquaculture Project) के लिए फाउंटेनहेड एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड को 29.78 करोड़ रुपये की कुल परियोजना लागत में से 8.42 करोड़ रुपये की ऋण सहायता प्रदान करने के लिए एक आपसी समझौते पर हस्ताक्षर किये हैं।
‘तिलपिया’ (Tilapia) के बारे में
‘तिलपिया’ (Tilapia) दुनिया में सबसे अधिक उत्पादक और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार की जाने वाली खाद्य मछली के रूप में उभरकर सामने आई है।
तिलपिया का उत्पादन दुनिया के कई हिस्सों में व्यावसायिक रूप से लोकप्रिय हो गया है और मत्स्य विशेषज्ञों ने तिलपिया को इसकी तेजी से वृद्धि होने और कम रखरखाव वाले उत्पादन के कारण “जलीय चिकन” की उपाधि दी है।
आज अगर कोई मछली वैश्विक मछली के रूप में जानी जाती है तो उसका तिलपिया से बेहतर कोई नाम नहीं हो सकता।
भारत में तिलपिया प्रजनन (culture of Tilapia) को एक जिम्मेदार तरीके से अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए फाउंटेनहेड एग्रो फार्म्स प्राइवेट लिमिटेड ने मुधोल (कर्नाटक) में एक पूर्ण उत्पादन लाइन (प्रजनन से लेकर पूरी मछली बनने तक) स्थापित करने की परिकल्पना की है। इस कंपनी का उद्देश्य 500 टन तिलपिया का उत्पादन करना है।
इसे नीर डेविड फिश ब्रीडिंग फार्म, इज़राइल से आयातित मूल ब्रूडस्टॉक ‘हेर्मोन’ (Hermon) से विकसित किया जाएगा।
हेर्मोन तिलपिया के दो चयनित स्ट्रेन्स (उपभेदों) की हाइब्रिड है जिनके नाम है- ओरियोक्रोमिस निलोटिकस/Oreochromis Niloticus (नर) और ओरियोक्रोमिस ऑरियस/Oreochromis Aureus (मादा) जिन्हें कुछ विशेषताओं के लिए जाना जाता है, जिनमें उच्च वृद्धिदर, कम तापमान का प्रतिरोध, हल्का आकर्षक रंग, केवल नर मछली की सभी हाइब्रिड फ्राई संतान और हार्मोन के उपयोग की पारम्परिक प्रणाली का अभाव शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)
‘नीली क्रांति’ लाने हेतु ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (PMMSY)’ योजना का लक्ष्य नौ प्रतिशत औसत वार्षिक वृद्धि दर के साथ 2024-25 तक मछली उत्पादन बढ़ाकर 220 लाख मीट्रिक टन करने का है।
महत्वाकांक्षी योजना का लक्ष्य निर्यात आय को दोगुना करके 1,00,000 करोड़ रुपये करना और अगले पांच वर्षों की अवधि में मत्स्य क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 55 लाख रोजगार के अवसर पैदा करना है।