कृषि ऋण पर 1.5 प्रतिशत सालाना इंटरेस्ट सबवेंशन को मंजूरी
केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने सभी वित्तीय संस्थानों के लिए लघु अवधि के कृषि ऋणों पर इंटरेस्ट सबवेंशन (Interest Subvention) को बहाल कर 1.5 प्रतिशत करने की मंजूरी दे दी है। इस प्रकार 1.5 प्रतिशत का इंटरेस्ट सबवेंशन उधार देने वाले संस्थानों को किसानों को वर्ष 2022-23 से 2024-25 तक 3 लाख रुपये तक के लघु अवधि के कृषि ऋण देने के लिए प्रदान किया गया है।
इस योजना के अंतर्गत इंटरेस्ट सबवेंशन सहायता में बढ़ोतरी के लिए 2022-23 से 2024-25 की अवधि में 34,856 करोड़ रुपये के अतिरिक्त बजटीय प्रावधान की आवश्यकता होगी।
किसान समय पर ऋण चुकाते समय 4 प्रतिशत सालाना की ब्याज दर पर अल्पकालीन कृषि ऋण लेते रहेंगे।
किसानों के लिए किसान क्रेडिट कार्ड योजना शुरू की गई थी, ताकि उन्हें किसी भी समय ऋण पर कृषि उत्पादों और सेवाओं को खरीदने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
यह सुनिश्चित करने के लिए कि किसान बैंक को न्यूनतम ब्याज दर का भुगतान कर सकते हैं, भारत सरकार ने ब्याज छूट योजना (Interest Subvention Scheme: ISS) शुरू की, जिसका नाम बदलकर अब संशोधित ब्याज इंटरेस्ट योजना (Modified Interest Subvention Scheme: MISS) कर दिया गया है, ताकि कम ब्याज दरों पर किसानों को लघु अवधि के ऋण प्रदान किए जा सकें।
इस योजना के तहत कृषि और अन्य संबद्ध गतिविधियों- पशुपालन, डेयरी, मुर्गी पालन, मत्स्य पालन आदि में लगे किसानों के लिए 7 प्रतिशत की सालाना दर से 3 लाख रुपये तक का अल्पकालिक कृषि ऋण उपलब्ध है।
शीघ्र और समय पर ऋण की अदायगी के लिए किसानों को अतिरिक्त 3 प्रतिशत अनुदान (शीघ्र अदायगी प्रोत्साहन-PRI) भी दिया जाता है। अतः यदि कोई किसान अपना ऋण समय पर चुकाता है, उसे 4 प्रतिशत सालाना की दर से ऋण मिलता है।
किसानों को यह सुविधा देने के लिए भारत सरकार इस योजना की पेशकश करते हुए वित्तीय संस्थानों को इंटरेस्ट सबवेंशन (IS) प्रदान करती है। यह सहायता केंद्र द्वारा 100 प्रतिशत वित्त पोषित है।