नीतीश कुमार ने 8वीं बार ली बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ
जनता दल यूनाईटेड के नेता नीतीश कुमार को 10 अगस्त को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गयी। पटना में राजभवन में राज्यपाल फागु चौहान ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। राष्ट्रीय जनता दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने भी दूसरी बार उपमुख्यमंत्री के पद की शपथ ली। कांग्रेस, हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा और वाम दलों ने बिहार में महागठबंधन सरकार को समर्थन दिया है।
नीतीश कुमार ने 9 अगस्त को इस्तीफा देने से पहले एनडीए से अलग होने की घोषणा करते हुए 164 विधायकों के समर्थन के साथ नई सरकार बनाने का दावा पेश किया था। इनमें राष्ट्रीय जनता दल, कांग्रेस, वाम दल और हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा शामिल है।
नीतीश कुमार ने पिछले 22 वर्षों में रिकॉर्ड आठ बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।
उन्होंने पहली बार वर्ष 2000 में राज्य के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। बहुमत नहीं होने के बावजूद उन्होंने 3 मार्च 2000 को पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली और सात दिनों तक मुख्यमंत्री बने रहे। चूंकि न तो राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और न ही राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन विधानसभा में बहुमत संख्या को पार कर सके, इसलिए नीतीश ने 10 मार्च, 2000 को विधानसभा में विश्वास मत होने से पहले ही इस्तीफा दे दिया।
वर्ष 2005 में नीतीश कुमार ने दूसरी बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, जब उनकी पार्टी ने 88 सीटें जीतीं और उसकी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 55 सीटें जीतीं। उन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल सफलतापूर्वक पूरा किया।
वर्ष 2010 में, उन्होंने फिर से सीएम के रूप में शपथ ली, लेकिन 2013 में उन्होंने भाजपा को छोड़ दिया और चुनाव हारने के बाद, उन्होंने इस्तीफा दे दिया और जीतन राम मांझी को सीएम नियुक्त किया।
हालांकि, उन्होंने 2015 में सीएम के रूप में वापसी की और कहा कि इस्तीफा देना एक गलती थी।
वर्ष 2015 में, उन्होंने राजद के साथ गठबंधन किया और चुनावों में जीत हासिल की, लेकिन 2017 में उन्होंने राजद को छोड़ दिया और भाजपा के साथ मिलकर 2020 में विधानसभा चुनाव लड़ा और उनके गठबंधन को बहुमत हासिल हुई। उन्होंने सातवीं बार सीएम के रूप में शपथ ली।
एक बार फिर भाजपा को छोड़ने के पश्चात 10 अगस्त 2022 को आठवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है।