सुरेश एन. पटेल को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC) की शपथ दिलाई गई

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राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 3 अगस्त को सतर्कता आयुक्त सुरेश एन. पटेल को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (CVC: Central Vigilance Commissioner) के रूप में शपथ दिलाई। श्री पटेल संजय कोठारी की सेवानिवृति के बाद जून 2022 से सतर्कता आयुक्त (CVC) के रूप में कार्य कर रहे थे।

आयोग का नेतृत्व एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त करता है और इसमें दो सतर्कता आयुक्त हो सकते हैं।

आंध्र बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री पटेल को अप्रैल 2020 में सतर्कता आयुक्त के रूप में नियुक्त किया गया था। प्रधान मंत्री और विपक्ष के नेता की अध्यक्षता वाले एक चयन पैनल द्वारा श्री पटेल को केंद्रीय सतर्कता आयुक्त के रूप में पदोन्नति के लिए अनुमोदित किया गया था।

सतर्कता आयुक्त का कार्यकाल चार वर्ष या 65 साल की उम्र पूरी होने तक रहता है। 

केंद्रीय सतर्कता आयोग के बारे में

केंद्रीय सतर्कता आयोग में एक केंद्रीय सतर्कता आयुक्त और दो सतर्कता आयुक्त हो सकते हैं।

केंद्र सरकार की एजेंसियों को सतर्कता के क्षेत्र में सलाह देने और मार्गदर्शन करने के लिए श्री के. संथानम की अध्यक्षता में भ्रष्टाचार निवारण समिति की सिफारिशों पर फरवरी, 1964 में सरकार द्वारा केंद्रीय सतर्कता आयोग की स्थापना ( Central Vigilance Commission) की गई थी।

CVC को सर्वोच्च सतर्कता संस्थान माना जाता है, जो किसी भी एग्जीक्यूटिव अथॉरिटी के नियंत्रण से मुक्त है, केंद्र सरकार के तहत सभी सतर्कता गतिविधियों की निगरानी करता है और केंद्र सरकार के संगठनों में विभिन्न प्राधिकरणों को उनके सतर्क कार्य की योजना बनाने, क्रियान्वित करने, समीक्षा करने और सुधार करने की सलाह देता है।

राष्ट्रपति द्वारा एक अध्यादेश की घोषणा के परिणामस्वरूप, केंद्रीय सतर्कता आयोग को 25 अगस्त, 1998 से “सांविधिक स्थिति” के साथ एक बहु सदस्यीय आयोग बना दिया गया है।

CVC विधेयक 2003 में संसद के दोनों सदनों द्वारा पारित किया गया था और राष्ट्रपति ने 11 सितंबर, 2003 को अपनी सहमति दी थी। इस प्रकार केंद्रीय सतर्कता आयोग अधिनियम 2003 (संख्या 45 0f 2003) उस तारीख से लागू हुआ।

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