भारत में 5 नई आर्द्रभूमियों को मिला रामसर स्थल का दर्जा

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भारत ने पांच और रामसर स्थलों (Ramsar sites), या अंतरराष्ट्रीय महत्व के आर्द्रभूमियों (wetlands of international importance) को जोड़ा है, जिससे देश में ऐसे स्थलों की संख्या 54 हो गई है। ये पांच नई आद्रभूमियां हैं:

  • करीकिली पक्षी अभयारण्य (Karikili)-तमिलनाडु
  • पल्लिकरनई मार्श रिजर्व फॉरेस्ट (Pallikaranai)-तमिलनाडु
  • पिचवरम मैंग्रोव (Pichavaram)–तमिलनाडु
  • साख्य सागर (Sakhya Sagar)-मध्य प्रदेश
  • पाला आर्द्रभूमि (Pala Wetlands)-मिजोरम।

पाला आर्द्रभूमि

  • पाला आर्द्रभूमि (मिजोरम) इस क्षेत्र में रहने वाले मारा (Mara people) लोगों के लिए पवित्र स्थल है।
  • इस आर्द्रभूमि में विश्व स्तर पर खतरे वाली कई प्रजातियां भी पाई जाती है- जैसे कि सांभर हिरण- (Rusa unicolor), एशियाई काला भालू (Ursus thibetanus), और धीमी लोरिस-slow loris (Nyctibetus coucang), और हूलॉक गिब्बन (हूलॉक हूलॉक)।
  • यह आर्द्रभूमि जानवरों की आईयूसीएन रेड लिस्ट में क्रिटिकली एंडेंजर्ड प्रजातियों के लिए शरण और प्रजनन स्थल प्रदान करती है। इनमें शामिल हैं; पीले कछुआ (इंडोटेस्टुडो एलोंगाटा), दक्षिण पूर्व एशियाई विशाल कछुआ (मनोरिया एमी) और काले सोफ्टशेल कछुए (निल्सोनिया निगरिकन्स) सहित ।

भारत की रामसर आर्द्रभूमि

  • भारत की रामसर आर्द्रभूमि 18 राज्यों में 11,000 वर्ग किमी में फैली हुई है जो देश के कुल आर्द्रभूमि क्षेत्र का लगभग 10%
  • किसी अन्य दक्षिण एशियाई देश में इतने उतने स्थल नहीं हैं, हालांकि इसका भारत की भौगोलिक चौड़ाई और उष्णकटिबंधीय विविधता से बहुत कुछ लेना-देना है।
  • भारत से आकार में छोटे होने के बाद भी यूके (175 रामसर स्थल) और मेक्सिको (142 रामसर स्थल) जैसे देशों में सबसे अधिक रामसर स्थल हैं। वहीं में बोलीविया में रामसर कन्वेंशन के तहत संरक्षित क्षेत्र 1,48,000 वर्ग किमी में फैला है जो विश्व में सर्वाधिक है।

रामसर स्थल दर्जा का महत्व

  • रामसर स्थल दर्जा मिलने से अतिरिक्त अंतरराष्ट्रीय फण्ड प्राप्त नहीं होता है, लेकिन राज्यों और केंद्र को यह सुनिश्चित करना होता है कि भूमि के इन इलाकों को संरक्षित किया जाए और अतिक्रमण से बचाया जाए। इस दर्जा को प्राप्त करने से स्थानीय पर्यटन क्षमता और इसकी अंतर्राष्ट्रीय दृश्यता में भी मदद मिलती है।
  • वर्ष 1981 तक, भारत में 41 रामसर स्थल थे, हालांकि पिछले एक दशक में 13 नई साइटों को शामिल किया गया है।
  • रामसर साइट होने के लिए, हालांकि, इसे 1971 के रामसर कन्वेंशन (ईरान) द्वारा परिभाषित नौ मानदंडों में से कम से कम एक को पूरा करना होता है। इन मानदंडों में शामिल हैं: यह क्षेत्र वल्नरेबल, एनडेंजर्ड, या क्रिटिकली एनडेंजर्ड प्रजातियों या एनडेंजर्ड पारिस्थितिक समुदायों का समर्थन करता हो, यदि यह नियमित रूप से 20,000 या अधिक जलपक्षियों को आश्रय प्रदान करता हो; या, मछलियों के आहार का एक महत्वपूर्ण स्रोत हो, या पक्षी प्रवास पथ पर मौजूद हो ।

आर्द्रभूमि: ‘लैंडस्केप के गुर्दे’ (kidneys of the landscape) के रूप में

  • देश में एक स्वस्थ जैव विविधता के लिए आर्द्रभूमि अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, जहां वन फेफड़ों (forests act like lungs) की तरह कार्य करते हैं वहीं आर्द्रभूमि पर्यावरण को साफ करने के लिए गुर्दे (wetlands work like kidneys ) की तरह काम करते हैं।
  • आर्द्रभूमि अनिवार्य रूप से ‘लैंडस्केप के गुर्दे’ (kidneys of the landscape) के रूप में कार्य करती है, तलछट को छानती और रोकती हैं, और इसे आर्द्रभूमि की बेसिन जमा करती हैं और पौधे इन पोषक तत्वों का उपयोग बढ़ने के लिए करते हैं ।
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